शिवसेना सासंद संजय राउत ने सीट बदले जाने पर राज्यसभा के चेयरमैन एम वेकैंया नायडू को पत्र लिखकर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि मैं यह जानकर हैरान रह गया कि राज्यसभा में मेरे बैठने की सीट तीसरी पंक्ति से पांचवीं पंक्ति में कर दी गई है। यह फैसला जानबूझकर शिवसेना की भावनाओं को आहत करने और हमारी आवाज दबाने के लिए लिया गया है।
संजय राउत ने पत्र में कहा है कि अभी एनडीए से औपचारिक तौर पर नाता भी नहीं टूटा है और राज्यसभा में बैठने की व्यवस्था तक बदल गई। इस फैसले ने सदन की गरिमा को प्रभावित किया है। मैं गुजारिश करता हूं कि हमें पहली, दूसरी या तीसरी पंक्ति की सीट दी जाए और सदन की शिष्टता भी कायम रखी जाए।
विपक्ष के साथ बैठने की आई थी खबर
कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि शिवसेना को विपक्ष के साथ जगह दी गई है। सांसद संजय राउत और अनिल देसाई के बैठने की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। तब संजय राउत ने कहा था कि हमें इस बारे में पता चला है। साथ ही राउत ने कहा था कि पुराने एनडीए और आज के एनडीए में बहुत फर्क है। आज एनडीए का संयोजक कौन है? इसके एक संस्थापक आडवाणी आज छोड़ चुके हैं या सक्रिय ही नहीं हैं।
ढाई ढाई साल के सीएम पर नहीं बनी बात
विधानसभा चुनाव परिणामों के आने के बाद शिवसेना ने महाराष्ट्र में भाजपा से ढाई-ढाई साल के सीएम की मांग की थी, जिसे भाजपा ने ठुकरा दिया था। भाजपा से बात नहीं बनी तो शिवसेना एनडीए से अलग हो गई। साथ ही मोदी सरकार में शिवसेना के एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत ने इस्तीफा दे दिया शिवसेना ने यह भी कहा था कि इस्तीफा को ही एनडीए से नाता तोड़ना समझा जाए। फिर शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस से बात की लेकिन अब तक तीनों दलों में बात नहीं बन पाई है।