शिवसेना ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी उनके महाराष्ट्र दिवस संदेश को लेकर निशाना साधा और कहा कि किसानों की आत्महत्याओं पर सिर्फ शर्मिंदा होने भर से समस्या नहीं सुलझाने वाली। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा, ऐसा लगता है कि राहुल गांधी भूल गए हैं कि कुछ ही समय पहले तक महाराष्ट्र और केंद्र में उनकी ही सरकार थी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा मंजूर की गई आर्थिक मदद का वितरण किसानों के बीच क्यों नहीं किया गया था? वह किसानों के साथ चाय-नाश्ता करने के लिए बैठते हैं।
यह तो और भी शर्मनाक है। संपादकीय में आगे कहा गया, आज आपको किसानों के आंसू दिखाई देते हैं। आपने उनके आंसू तब क्यों नहीं पोंछे थे? तब आपने किसानों से जो वादे किए थे, उनका क्या हुआ? आपने उस समय क्यों यह सुनिश्चित नहीं किया कि किसान कर्ज के बोझ से मुक्त हो जाएं। फडणवीस के बयान पर भाजपा के इस सहयोगी दल ने कहा, किसानों की आत्महत्याएं सभी के लिए शर्म का विषय हैं। लेकिन सिर्फ ऐसे भाषण दे देने से कुछ नहीं होगा। सरकार बदल गई है लेकिन आत्महत्याएं नहीं रूकी हैं।
इस समस्या पर काम कीजिए ताकि आपको अगले साल महाराष्ट्र दिवस पर शर्मिंदा होने की जरूरत न पड़े। शिवसेना ने हरियाणा के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ के उस बयान को बेहद शर्मनाक और निंदनीय करार दिया है जिसमें धनखड़ ने कहा था कि आत्महत्या करने वाले किसान कायर होते हैं। शिवसेना के अनुसार, यह बयान किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने से भी ज्यादा शर्मनाक है। व्यथित किसानों को उनके हक नहीं मिल रहे और वह कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं। अब चुनाव लहरों से जीते जाते हैं लेकिन लहरों ने किसानों को उनकी समस्याओं से उबरने में मदद नहीं की है।