गोरखपुर में हुई बच्चों की मौत पर शिवसेना ने योगी सरकार को आड़े हाथों लिया है। एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने इस घटना पर योगी सरकार के साथ-साथ मोदी सरकार पर भी निशाना साधा है। सामना ने लिखा है, "उत्तर प्रदेश का बाल हत्या ( कांड) स्वतंत्रता दिवस का निरादर है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर अस्पताल में 70 बच्चों की मौत को 'सामूहिक बालहत्या' ही कहेंगे, यह गरीबों का दुर्भाग्य है। उनकी 'मन की बात' को समझने के बजाय, उनकी वेदनाओं की खिल्ली उड़ाई जा रही है।”
अच्छे दिन पर सवाल
सामना ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए लिखा, "केंद्र में सत्ता परिवर्तन होने के बाद भी, आज सरकारी अस्पतालों में गरीब और ग्रामीण लोगों के लिए 'अच्छे दिन' नहीं आए हैं।"
क्यों अगस्त में सिर्फ गरीबों के बच्चे मरते हैं?
सामना ने सवाल उठाया है, "उत्तर प्रदेश के आरोग्य मंत्री का कहना है कि अगस्त के महीने में बच्चे मरते ही हैं। तो हमारा सवाल है कि अगस्त के महीने में सिर्फ गरीबों के बच्चे ही क्यों मरते हैं, क्यों अमीरों के बच्चों के साथ ऐसा नहीं होता।"
कैलाश सत्यार्थी ने बताया ‘नरसंहार’
नोबेल पुरस्कार प्राप्त कैलाश सत्यार्थी ने भी कुछ ऐसे ही सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि ऑक्सीजन के बिना अस्पताल में 30 बच्चों की मौत हो गई। यह एक त्रासदी नहीं है यह एक नरसंहार है। हमारे बच्चों के लिए 70 साल की आजादी के मायने क्या यही है?
30 kids died in hospital without oxygen. This is not a tragedy. It's a massacre. Is this what 70 years of freedom means for our children?
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) 11 August 2017