भारत में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने रविवार को दोहा में कहा था कि उन्हें कई लोगों को उनकी मिठाई से वंचित कर समस्याओं का सामना करना पड़ा। सरकार ने सरकारी योजनाओं में लीकेज और चोरी रोकर सालाना 36,000 करोड़ रुपये की बचत की है। शिवसेना के मुखपत्र सामना ने अपने संपादकीय में लिखा है, भारत कितना भ्रष्ट है, इस पर बोलकर प्रधानमंत्री ने तालियां बटोरीं। यह विदेशी धरती पर भारत की प्रतिष्ठा धूमिल करने जैसा है।
पार्टी ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि नयी सरकार के सत्ता में आने के दो साल बाद यदि लोग भ्रष्टाचार के बारे में बातें कर रहे हैं, तो इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। चूंकि मोदी इस देश का चेहरा हैं, इसलिए वह जो बोलते हैं और जो निर्णय करते हैं, उस पर अन्य देश जरूर विश्वास करेंगे। विपक्ष पर हमला देश के भीतर किया जाना चाहिए। किसी को इसके लिए अमेरिका या यूरोप जाने की जरूरत नहीं है।
केन्द्र में सत्तारूढ़ राजग की एक प्रमुख सहयोगी शिवसेना ने कहा कि राबर्ट वाड्रा और गांधी परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के काफी आरोप लगाये जा चुके हैं। यदि उन्होंने गड़बडि़यां की हैं तो उनके खिलाफ अब कार्रवाई करने की बारी है। पार्टी ने कहा, महाराष्ट के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने हाल ही में कहा था कि उनकी जुबान बेलगाम होने की वजह से वह हाल के चुनाव में हार गये। यह एक राजनीतिक मंत्र बनना चाहिए।