दिल्ली में कुछ पुराने नोट नहीं बदले जाने की वजह से आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय के सामने एक महिला के कपड़े उतारना शुरू करने की खबरों का जिक्र करते हुए शिवसेना ने कहा कि उस बदनसीब मां की हालत सरकार प्रायोजित निर्भया कांड जैसी लगती है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में लिखा, हम मुख्यमंत्री :महाराष्ट्र: से पूछना चाहते हैं कि आप किसकी तरफ हैं। नोटबंदी की तरफ या इस असहाय महिला की ओर। अगर सरकार इस महिला की पीड़ा को देख और समझ नहीं सकती तो एेसी निर्मम और बहरी सरकार पिछले 10 हजार सालों में नहीं रही होगी।
पार्टी ने कहा, अगर कोई महिला परेशानी में दिल्ली की सड़क पर बैठती है और सरकार की निंदा करती है तो यह सरकार प्रायोजित निर्भया कांड की तरह है। शिवसेना ने कहा कि पीड़िता ने महिलाओं की दबी हुई सिसकियों और आक्रोश को सड़कों पर सामने ला दिया है। पार्टी ने कहा, अगर आप इस महिला के निर्वस्त्र होने को भी देशभक्ति कहते हैं तो आपको जरूरत है कि आपके दिमाग का इलाज कोई तालिबानी डाॅक्टर करे। महिलाओं के खिलाफ इस तरह की ज्यादती केवल तालिबानी शासन में होती है।
नोटबंदी का समर्थन करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आड़े हाथ लेते हुए शिवसेना ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री को इस महिला की पीड़ा देखकर कोई दुख नहीं होता तो वह एक असहाय व्यक्ति हैं।
दिल्ली में दो दिन पहले ही अपने छोटे बच्चे के साथ आरबीआई कार्यालय के सामने कतार में लगी एक महिला ने अपने कुछ पुराने नोट नहीं बदल पाने पर अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिये थे। भाषा