शरद पवार के नेत़त्व वाली विपक्षी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने साथ ही भाजपा से आग्रह किया कि वह शिवसेना की मान्यता समाप्त करने की मांग करे। राकांपा ने दलील दी कि शिवसेना द्वारा कथित तौर पर विभिन्न घोटालों में सैकड़ों करोड़ रूपये लूटने की वजह से उसे आगामी मुम्बई निकाय चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
राकांपा विधायक किरण पावसकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, दोनों सहयोगी दल यह भूल गए हैं कि जनता ने उन्हें शासन करने के लिए जनादेश दिया है, हंगामा करने के लिए नहीं। दिन प्रतिदिन की कलह और लोगों द्वारा सामना किये जाने वाली समस्याओं का कोई हल नहीं निकलने के चलते जनता का सरकार की संस्था में विश्वास खो रहा है। यदि यह जारी रहा तो लोगों का लोकतंत्र में विश्वास खो जाएगा।
उन्होंने कहा, हम पीएमओ से आग्रह करते हैं कि वह राज्य में जारी वाक्युद्ध पर रोक लगाये। अपने मुखपत्र का इस्तेमाल करके शिवसेना को सरकार से बाहर होने के लिए कहने की बजाय उन्हें खुले में आना चाहिए और कहना चाहिए कि वे मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार हैं। राकांपा की यह टिप्पणी सत्ताधारी गठबंधन सहयोगियों भाजपा और शिवसेना के बीच जारी वाक्युद्ध की पृष्ठभूमि में आयी है।