शिवसेना ने पार्ची के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा, समय आ गया है कि भारतीय सीमा में चीन की घुसपैठ की ओर गंभीरता से ध्यान दिया जाए। चीन के खिलाफ सर्जिकल हमला उसी तरह का मुंहतोड़ जवाब होगा जैसा पाकिस्तान को उसके खिलाफ हमला कर दिया गया था। शिवसेना ने सवाल उठाया कि क्या चीन के खिलाफ भी ऐसा कोई हमला किया जाएगा। पार्टी ने कहा, जब कोई रैलियों में पाकिस्तान के खिलाफ बोलता है तो उसे जवाब में तालियां मिलती हैं। ताली बजाने की इस सोच से बाहर निकलने और चीन की घुसपैठ की ओर ध्यान देने की जरूरत है। गौरतलब है कि सितंबर में उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक कर कई आतंकी ठीकानों को ध्वस्त कर दिया था। भारतके इस लक्षित हमले में कई आतंकवादियों की मौत हुई थी।
शिवसेना ने संपादकीय में साफ कहा कि लद्दाख से अरूणाचल और सिक्किम तक चीन की कार्रवाइयों पर कई वर्षों से कोई ध्यान नहीं दिया गया। असली सवाल यह है कि चीन को कौन रोकेगा। पार्टी ने लिखा है कि करीब 60 चीनी सैनिक हमारी सीमा में घुसते हैं और विकास के कार्य रोक देते हैं। इसका क्या अर्थ निकाला जाना चाहिए। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पर निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे की पार्टी ने लिखा, हमारे बड़बोले रक्षा मंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि इन चीनी सैनिकों के खिलाफ हमारे सैनिकों ने क्या कार्रवाई की है। पाकिस्तान को चेताना काफी नहीं है। रक्षा मंत्री का काम चीन के साथ सीमा की रक्षा करना भी है।