पिछले काफी समय से राजस्थान में जारी सियासी घमासान का दौर थमता नहीं दिख रही है। सचिन पायलट खेमे के बगावती तेवर के बाद अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार पर संकट के बादल अभी छंटे नहीं हैं। हालांकि, सीएम गहलोत लगातार अपने खेमे के विधायकों को अपने साथ जोड़े रखने की कवायद में जुटे हुए हैं। यही वजह है कि वो लगातार विधायकों से संपर्क में हैं और बैठक में जुटे हैं। इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को पार्टी विधायकों से सदन के पटल पर अपनी एकता दिखाने को कहा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को विधायकों से ऐसी ही एकजुटता विधानसभा में भी दिखाने को कहा है जैसी की अब तक उन्होंने दिखाई है। जैसलमेर के रिसॉर्ट में कांग्रेस विधायक दल और समर्थक दलों की बैठक को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा, 'हम सब लोकतंत्र के योद्धा हैं। यह लड़ाई हम जीतने जा रहे हैं और साढे़ तीन साल के बाद चुनाव में भी जीतेंगे।
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'सदन में भी दिखानी होगी एकजुटता'
गहलोत ने विधायकों से कहा कि जिस तरह की एकजुटता अब तक दिखाई है उसी तरह की एकजुटता आपको सदन में भी दिखानी है। उन्होंने विधायकों से सदन में तैयारी के साथ जाने को कहा है और उसके बाद अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जाकर जन कल्याण कार्यों की एक सूची पेश करने को कहा है। जिससे सरकार उन पर काम कर सके। बता दें कि राज्य का विधानसभा सत्र 14 अगस्त से शुरू होगा और सत्र के दौरान गहलोत विश्वास पारित करेंगे। इस बैठक में कांग्रेस नेता अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला और राज्य इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी उपस्थित थे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने कहा कि पार्टी का आजादी के पहले और बाद में संघर्ष का इतिहास रहा है। उन्होंने राज्य में वर्तमान राजनीतिक संकट में कांग्रेस का समर्थन करने वाले अन्य दलों के विधायकों को भी धन्यवाद दिया।
कांग्रेस विधायकों को वर्तमान में जैसलमेर के एक होटल में रखा गया है क्योंकि पार्टी ने पायलट और उनके द्वारा 18 विधायकों के विद्रोह के बाद भाजपा पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है।