मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के बीच घमासान मचा हुआ है। पार्टी नेता एक-दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी भी कर रहे हैं। अब यह मामला कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी तक पहुंच गया है। सोनिया ने मध्य प्रदेश के नए पार्टी अध्यक्ष का फैसला करने के लिए 12 सितंबर को दिल्ली में बैठक बुलाई है। सोनिया ने मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली बुलाया है। माना जा रहा है कि इन दोनों ही नेताओं की सोनिया गांधी के साथ बैठक होगी और इसमें नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर विचार होगा।
10 सितंबर को कमलनाथ-सिंधिया से सोनिया की मुलाकात
जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय कर लिया गया है। सोनिया गांधी चाहती हैं कि नए नाम की घोषणा करने से पहले कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपनी सहमति दे दें। 10 सितंबर को ज्योतिरादित्य सिंधिया की सोनिया गांधी से मुलाकात होनी है, जिसमें वह प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अपनी पसंद-नापसंद बताएंगे। यह मुलाकात उमंग सिंघार और दिग्विजय सिंह के बीच हुए विवाद के संदर्भ में है। सिंधिया खुद भी प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में हैं लेकिन दिग्विजय सिंह उनका खुलकर विरोध कर रहे हैं, वहीं कमलनाथ भी चाहते हैं कि उनकी जगह किसी आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया जाए।
क्या है मामला
गौरतलब है कि राज्य में ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के गुट आपस में उलझे हुए हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इन दोनों गुटों को अपनी तरफ से बढ़ावा देते रहते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी का महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाकर पार्टी ने मध्य प्रदेश में गुटबाजी खत्म करने की कोशिश की थी। लेकिन लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फिर से राज्य की राजनीति में दखल देना शुरू कर दिया है। सिंधिया गुना सीट से ही लोकसभा का चुनाव हार गए थे। हार के लिए सिंधिया गुट का आरोप है कि कमलनाथ गुट के लोगों ने उन्हें हराया।