समाजवादी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी गई है। अखिलेश यादव को पांच साल के लिए पार्टी की कमान मिलने के बाद नई सूची में शिवपाल को जगह नहीं मिल पाई है जबकि पिता मुलायम सिंह के करीबियों का ख्याल रखा गया है। रामगोपाल को प्रमुख महासचिव बनाकर उनका कद बढ़ाया गया है। नई कार्यकारिणी के जरिए अखिलेश ने विरोधियों को संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी में उनके लिए कोई जगह नहीं है।
सोमवार को घोषित 55 सदस्यों वाली नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मुलायम के करीबी नेताओं किरनमय नन्दा, संजयसेठ, मधु गुप्ता, बलराम यादाव, राम आसरे विश्वकर्मा और अबु आसिम आजमी के नाम शामिल हैं तो बसपा से सपा में शामिल हुई इंद्रजीत सिंह सरोज को भी पार्टी में जगह दी गई है। उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया है। सरोज चार बार विधायक रह चुके हैं और पिछले महीने ही सपा में शामिल हुए थे।
किरनमय नंदा का उपाध्यक्ष, मोहम्मद आजम खान, नरेश अग्रवाल, रवि प्रकाश वर्मा, सुरेंद्र नागर, बलराम यादव, विशम्भर प्रसाद निषाद, अवधेश प्रसाद, इंद्र जीत सरोज, रामजीलाल सुमन, रामशंकर विद्यार्थी राजभर को महासचिव तथा संजय सेठ को कोषाध्यक्ष बनाया गया है।, जो एण्टोनी, रामपूजन पटेल,डा मधु गुप्ता, कमाल अख्तर, अभिषेक मिश्रा, राजेंद्र चौधरी, रमेश प्रजापति, पी एऩ चौहान, अरुणा कोरी, जावेद आबदी को सचिव के तौर पर जगह दी गई है। 25 को सदस्य तो पांच को विशेष आमंत्रित सदस्य मनोनीत किया गया है।
मालूम हो कि समाजवादी पार्टी का आगरा में राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था। इस आयोजन में न तो मुलायम सिंह पहुंचे थे और न ही शिवपाल यादव हालांकि, दोनों ने अखिलेश को बधाई जरूर दी थी। इससे यह माना जा रहा था कि परिवार में पड़ी फूट अब शायद भर जाए लेकिन अखिलेश के इस नए कदम ने इस भ्रम को जरूर दूर कर दिया है कि विरोधियों को गले नहीं लगाया जाएगा फिर चाहे वह परिवार के ही क्यों न हों।