उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी ने सीटों के बंटवारे की अपनी लिस्ट जारी कर दी है। सपा 37 सीटों पर और बसपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। रायबरेली और अमेठी की दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी गई हैं। वहीं, सपा ने एक सीट और छोड़ दी है, जिससे साफ है कि तीन सीटों पर रालोद चुनाव लड़ेगी। पहले सपा-बसपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली थीं।
गठबंधन से नाराज मुलायम
वहीं, सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने बसपा के साथ आधी-आधी सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने के अपने बेटे अखिलेश यादव के फैसले पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने गुरुवार को अखिलेश पर तीखा हमला बोला और कहा कि गठबंधन को लेकर मैं बात करता तो समझ में आता, लेकिन अब लोग कह रहे हैं कि लड़का (अखिलेश) बात करके चला गया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को उसी के लोग खत्म कर रहे हैं।
मुलायम सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं से साफ किया कि यूपी में सपा की लड़ाई सीधे बीजेपी से है, लड़ाई में तीसरा कोई दल नहीं है। उन्होंने कहा, 'अखिलेश ने अब बसपा से गठबंधन कर लिया है और सुनने में आ रहा है कि सीटें आधी रह गई हैं। आधी सीट होने से हमारे अपने लोग तो खत्म हो गए। कोई मुझे बताए कि सीटें आधी किस आधार पर रह गई।'
‘अपनी ही पार्टी को लोग खत्म कर रहे हैं’
उन्होंने कहा, 'गठबंधन को लेकर मैं बात करता तो समझ में आता लेकिन अब लोग कह रहे है कि लड़का बात करके चला गया।' बीएसपी के साथ गठबंधन करने और आधी सीटों पर सहमति देने पर मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराया। मुलायम सिंह ने कहा कि सपा को अपनी ही पार्टी के लोग खत्म कर रहे हैं। अकेले अपने दम पर पार्टी ने तीन बार सरकार बनाई है। तीनों बार हम मुख्यमंत्री रहे, रक्षा मंत्री भी रहे। मजबूत पार्टी थी। हम राजनीति नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम सही बात रख रहे हैं।
25 साल बाद साथ आईं सपा-बसपा
कभी एक दूसरे की साथी रहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने करीब 25 साल बाद एक बार फिर साथ आने का ऐतिहासिक ऐलान किया। पिछले दिनों सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीएसपी मुखिया मायावती ने इसकी घोषणा की। दोनों दलों के बीच बनी सहमति के मुताबिक, यूपी की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 पर सपा-बसपा चुनाव लड़ेंगी।
गठबंधन से कांग्रेस को रखा गया बाहर
इस गठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखा गया है लेकिन गांधी परिवार के परंपरागत गढ़ अमेठी और रायबरेली में गठबंधन उम्मीदवार नहीं उतारेगा। मायावती ने कहा था कि बाकी 2 सीटें अन्य दलों के लिए रखा गया। मायावती ने कहा था कि जिस तरह 1993 में हमने साथ मिलकर बीजेपी को हराया था, वैसे ही इस बार उसे हराएंगे। बसपा सुप्रीमो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कम से कम दो बार काफी जोर देकर 1995 के गेस्ट हाउस कांड का जिक्र किया था।
मायावती ने कहा था, 'उनकी पार्टी ने जनहित के लिए उसे भूलकर एसपी के साथ गठबंधन का फैसला किया। लोहियाजी के रास्ते पर चल रही समाजवादी पार्टी के साथ 1993 में मान्यवर कांशीराम और मुलायम सिंह यादव द्वारा गठबंधन करके चुनाव लड़ा गया था। हवा का रुख बदलते हुए भाजपा जैसी घोर सांप्रदायिक और जातिवादी पार्टी को हराकर सरकार बनी थी। लखनऊ गेस्ट हाउस कांड से ऊपर जनहित को रखते हुए एक बार फिर देश में उसी तरह के दूषित और साम्प्रदायिक राजनीति को हराने के लिए हाथ मिलाया।'
सपा-बसपा के बीच सीटों का बंटवारा, यहां देखें लिस्ट-