दिल्ली में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में बादल ने राहुल के अलावा कांग्रेस नेताओं पर भी जमकर निशाना साधा। बादल ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने दस नवंबर को अमृतसर में एक रैली में अलगाववादी तथा आतंकवादी तत्वों के साथ मंच साझा किया था। इस रैली में खालिस्तान बनाने के संबंध में प्रस्ताव भी पारित किया गया। बादल ने कहा कि इस आयोजन में इन तत्वों की भरपूर मदद की और इसके लिए राहुल गांधी का समर्थन हासिल था। बादल ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने जिन लोगों के साथ रैली में हिस्सा लिया उनके पाकिस्तान तथा उसकी खुफिया एजेन्सी आईएसआई के साथ संबंध हैं।
बादल ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पंजाब को 1980 के दशक में ले जाना चाहते हैं। वे एक बार फिर से पंजाब को अंधेरे में धकेलना चाहते हैं। उन्होंने कांग्रेस को राष्ट्र विरोधी पार्टी करार देते हुए मांग की कि इस पार्टी की मान्यता रद्द कर देनी चाहिए। बादल अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से भी मिलने गए और बाद में गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिले। बादल ने कहा कि उनकी सरकार कांग्रेस के मंसूबों पर पानी फेर देगी। बादल के आरोपों के जवाब में कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि, कांग्रेस राष्ट्रवादी पार्टी है और किसी को इस पर शक नहीं है।