महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की एंट्री ने कई सारी आंखें चौकन्नी कर दी हैं। अभी से सियासत की गर्माहट महसूस होने लगी है। एंट्री के भले जो भी मायने हो लेकिन संजय राउत ने साफ कर दिया है कि महाराष्ट्र की राजनीति पर केसीआर का कोई असर नहीं पड़ने वाला...और तो और उन्होंने यह भी कहा कि वह (केसीआर) ऐसा करने से तेलंगाना में भी हार जाएंगे।
दरअसल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस प्रमुख के.चंद्रशेखर राव कैबिनेट मंत्रियों और पार्टी नेताओं के साथ सोलापुर, महाराष्ट्र पहुंचे। सीएम केसीआर विगत सुबह हैदराबाद से सोलापुर के लिए रवाना हुए थे। एएनआई से प्राप्त ताजा जानकारी के अनुसार, बीआरएस अध्यक्ष, मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने आज महाराष्ट्र के पंढरपुर में श्री विट्ठल रुक्मिणी देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की।
महाराष्ट्र में केसीआर और उनकी टीम के प्रवेश को एक तरह का "राजनीतिक दांव" कहा जा रहा है। बहरहाल, इस बारे में जब उद्धव ठाकरे गुट के नेता और सांसद संजय राउत से पूछा गया तो उन्होंने कहा, "तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर का महाराष्ट्र की राजनीति पर कोई असर नहीं होगा। अगर केसीआर ऐसी ही नौटंकी करेंगे तो वह तेलंगाना में भी हार जाएंगे। हार के भय से ही वह महाराष्ट्र में घुस रहे हैं।"
गौरतलब है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में तेलंगाना के वरिष्ठ नेता कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। कांग्रेस ने बताया कि पूर्व एपी और तेलंगाना मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव, पूर्व सांसद पोंगुलेटी श्रीनिवास, पूर्व विधायक गुरनाथ रेड्डी, सेवारत जिला परिषद अध्यक्ष कोराम कनकैया, पूर्व विधायक पायम वेंकटेश्वरलू, डीसीसीबी के पूर्व अध्यक्ष मुवामेंट विजया बेबी, पिदामर्थी रवि, डीसीसीबी अध्यक्ष थुल्लुरी ब्रम्हैया , मार्कफेड के राज्य उपाध्यक्ष बोर्रा राजशेखर, वारया नगर अध्यक्ष एस जयपाल पार्टी में शामिल हुए हैं।
इसे लेकर संजय राउत ने केसीआर पर हमला किया और कहा, "उन्हें (केसीआर) हार का डर सता रहा है। वह यहां घुस रहे हैं, वहां उनके मंत्री/पूर्व सांसद कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं। यह लड़ाई कांग्रेस और केसीआर के बीच की है। महाराष्ट्र में एमवीए मजबूत है।"