देशभर में विभिन्न चुनावों में 236 बार पराजय से विचलित हुए बिना तमिलनाडु के के. पद्मराजन ने तेलंगाना में 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में गजवेल निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल कर दिया है, जहां से मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव मैदान में उतरे हैं।
‘‘इलेक्शन किंग’’ के नाम से मशहूर पद्मराजन ने कहा कि यह तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों में स्थानीय निकायों से लेकर राष्ट्रपति चुनाव तक में उनका 237वां नामांकन है।
टायर की मरम्मत की दुकान चलाने वाले पद्मराजन ने कहा कि उन्होंने 1988 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में मेत्तुर निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन दाखिल करने की शुरुआत की थी और उसके बाद से उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पीवी नरसिम्हा राव के खिलाफ भी चुनाव लड़ा।
अपने आप को होम्योपैथी का डॉक्टर बताने वाले 60 वर्षीय पद्मराजन ने कहा कि उन्होंने चुनाव लड़ने के अपने जुनून को लेकर कई रिकॉर्ड बनाए हैं और इस पर करीब एक करोड़ रुपये खर्च किये हैं।
उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल में वायनाड से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था।
कुछ पंचायत चुनावों में एक भी वोट न जुटा पाने वाले पद्मराजन ने कहा, ‘‘मुझे 2011 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में मेत्तुर निर्वाचन क्षेत्र से सबसे अधिक 6,273 वोट मिले थे।’’
चार नवंबर को दाखिल उनके हलफनामे के मुताबिक, उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य ने कभी आयकर रिटर्न नहीं भरा और उन्होंने अपनी चल संपत्ति 1,10,000 रुपये बतायी और सालाना आय एक लाख रुपये बतायी है।
हलफनामे में कहा गया है कि उन्होंने आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की है और वह अन्नामलई ओपन यूनिवर्सिटी से एमए (इतिहास) की पढ़ाई कर रहे हैं।