अगले महीने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वहां ‘ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट’ नाम का एक और गठबंधन बन गया है। गठबंधन की अन्य पार्टियों में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के असदुद्दीन ओवैसी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मायावती, समाजवादी जनता दल के देवेंद्र प्रसाद यादव और जनवादी पार्टी के संजय चौहान और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर शामिल हैं। जबकि मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के उपेंद्र कुशवाहा मुख्यमंत्री होंगे। पटना में हुई इन सभी दलों की एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया गया।
गठबंधन नेताओं का कहना है कि यह महागठबंधन बिहार में राजग का विकल्प होगा और यह बिहार में बड़ा बदलाव लाएगा। पार्टी नेताओं का कहना है कि बिहार की जनता बदलाव के मूड में है।
नए गठबंधन ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट के संयोजक देवेंद्र प्रसाद यादव होंगे। देवेंद्र यादव का कहना है कि इस चुनाव में वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विदाई तय है। बिहार की जनता बदलाव का निर्णय ले चुकी है। यादव का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में सब मिल कर नया बिहार बनाएंगे।
देवेंद्र यादव की पार्टी के साथ असदुद्दीन ओवैसी ने पहले ही गठबंधन का ऐलान कर दिया था। लेकिन इससे पहले उपेंद्र कुशवाह एनडीएम में शामिल होने की कोशिश कर चुके थे। महागठबंधन से अलग होने और एनडीएम में शामिल न होने के बाद अंततः उपेंद्र कुशवाहा भी इसमें शामिल हो गए हैं।
ओवैसी का कहना है कि पिछले 30 सालों में आई सरकारों से बिहार को कोई फायदा नहीं हुआ। ओवैसी ने कहा कि नीतीश कुमार और बीजेपी के 15 साल के साथ राजद-कांग्रेस के 15 साल पर निशाना साधा। ओवैसी ने कहा, बिहार के गरीबों की स्थिति जस की तस है। राज्य सामाजिक, आर्थिक और शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी पीछे है। हमने बिहार के भविष्य के लिए इस गठबंधन को बनाया है और हमारी कोशिश होगी कि हम सफल हों।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में महागठबंधन और एनडीए दोनों विफल हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के 15 साल के शासन में बिहार में कोई तरक्की नहीं हुई। कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है और आज भी युवा रोजगार के लिए बाहर जाने के लिए मजबूर हैं।