द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ पर जोर देना राष्ट्र के संघीय ढांचे को कमजोर करने का प्रयास है।
एम के स्टालिन ने कहा कि यह केंद्रीकृत सत्ता की दिशा में एक कदम है, जो भारत की अवधारणा, राज्यों के संघ के विचार के खिलाफ है। स्टालिन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘अचानक की गई इस घोषणा और उसके बाद उच्च-स्तरीय समिति के गठन से इस संदेह को बल मिलता है कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ लोकतंत्र नहीं, ‘तानाशाही’ का जरिया है।’’
एक जनसभा को संबोधित करते हुए द्रमुक प्रमुख ने आरोप लगाया कि इस मकसद से एक समिति का गठन ‘‘(निरंकुश शासन के प्रति) एक साजिश’’ के तहत किया गया है, जिसे हासिल करना पहले से ही भाजपा शासन की मंशा थी। उन्होंने कहा कि संसद में द्रमुक तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन समिति में उसे कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।
स्टालिन ने प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए मुख्य विपक्षी दल ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) की आलोचना की, जिसने सत्ता में रहते हुए इस तरह के कदम का विरोध किया था। उन्होंने दावा किया कि अगर इस प्रस्ताव को अमल में लाया जाता है तो आखिर में अन्नाद्रमुक बलि का बकरा बन जाएगी और पार्टी पर इसका उल्टा असर पड़ेगा।
स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अगर इसे (एक राष्ट्र, एक चुनाव) लागू किया गया तो न केवल द्रमुक, बल्कि कोई भी अन्य राजनीतिक दल काम नहीं कर पाएगा। यह ‘‘वन-मैन शो’’ बनकर रह जाएगा।’’
स्टालिन ने कहा कि क्या 2024 के लोकसभा चुनावों के साथ-साथ राज्य विधानसभाओं के चुनावों को कराने के लिए तमिलनाडु में द्रमुक सरकार और अन्य राज्य सरकारों को बर्खास्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि द्रमुक ने मई 2021 में सत्ता संभाली थी और उसने अपने कार्यकाल के केवल ढाई साल पूरे किए हैं।