चेन्नई मेट्रोपोलिटन सेशन कोर्ट ने तमिलनाडु के विद्युत मंत्री सेंथिल बालाजी को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 23 जून तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेजा है। हालांकि, कोर्ट ने बालाजी के स्वास्थ्य को देखते हुए इस अवधि के लिए कुछ शर्तें भी तय की हैं।
"आरोपी को कावेरी अस्पताल से बाहर नहीं ले जाया जा सकता। ईडी के उप निदेशक उसके (वी सेंथिल बालाजी) इलाज के दृष्टिगत एवं डॉक्टरों से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के बाद अस्पताल में पूछताछ करेंगे। ईडी के उप निदेशक बिना किसी बाधा के उससे पूछताछ करेंगे। समय पर भोजन और थर्ड-डिग्री या किसी भी क्रूरता का उपयोग नहीं होना चाहिए। कोई धमकी या जबरदस्ती नहीं की जाएगी।"
"बालाजी के परिवार के सदस्यों को उनसे मिलने की अनुमति है। आरोपी को आवश्यक सुरक्षा प्रदान की जाएगी। ईडी के उप निदेशक को पेश करने का निर्देश दिया गया है। आरोपी को 23 जून को अपराह्न 3 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश करने को कहा जाता है और याचिका को तदनुसार स्वीकार किया जाता है।"
बता दें कि सेंथिल बालाजी को ईडी ने पहले कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उनकी खराब तबियत पर तमिलनाडु सरकार ने कहा कि उनके विभागों को दो अलग-अलग डीएमके मंत्रियों को फिर से आवंटित किया गया है। बिजली विभाग वित्त मंत्री थंगम थेनारासु और मद्यनिषेध और उत्पाद शुल्क विभाग आवास और शहरी विकास मंत्री मुथुसामी को दिया गया है।
हालांकि, राज्य सरकार के अनुसार सेंथिल बालाजी बिना पोर्टफोलियो के मंत्री बने रहेंगे। ईडी की इस कार्रवाई के बाद सीएम स्टालिन ने कहा था कि डीएमके इन 'धमकियों' से नहीं डरेगी और जनता अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएगी। विपक्षी दलों ने भाजपा पर "राजनीतिक उद्देश्यों" के लिए संघीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने ईडी की पूछताछ में सेंथिल बालाजी को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया, जिस वजह से उन्हें सीने में दर्द हुआ। गौरतलब है कि बुधवार सुबह कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए जाने के दौरान बालाजी की तबियत बिगड़ी थी।