उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से त्यागपत्र देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद कई और विधायक पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं, जिसमें पश्चिमी यूपी से ताल्लुक रखने वाले गुर्जर नेता अवतार सिंह भड़ाना भी शामिल हैं। वही, स्वामी प्रसाद मौर्य को यूपी में ओबीसी का बड़ा नेता माना जाता है। स्वामी प्रसाद मौर्य के पार्टी छोड़ने के बाद यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का एक बड़ा बयान सामने आया है। एबीपी की खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि इस देश के सबसे बड़े ओबीसी नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है।
उन्होंने कहा, "इन विधायकों के बीजेपी छोड़ने के कई कारण हैं, कुछ अपने निजी फायदे के लिए जा रहे हैं और कुछ को डर है कि उन्हें अपनी पसंद के निर्वाचन क्षेत्र से टिकट नहीं मिलेगा। लोगों ने 5 साल तक बीजेपी के साथ रहकर मलाई खाने का काम किया है।"
उन्होंने आगे कहा कि राज्य में ओबीसी और दलितों को गुमराह किया जा रहा है। सिद्धार्थ नाथ सिंह का कहना है कि सपा ने कभी ओबीसी और दलितों के लिए कोई कल्याणकारी योजना नहीं लाई है। उन्होंने कहा कि सपा केवल मुसलमानों और यादवों के लिए काम करती है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि अन्य ओबीसी समुदाय कभी भी 'एम एंड वाई' में शामिल नहीं होंगे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में इस्तीफों की झड़ी लगी हुई है। बीजेपी के 14 विधायक अब तक पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं, जिसमें 3 मंत्री भी शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है अभी और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं।
इससे पहले शिवशेना नेता संजय राउत भी कह चुके हैं कि ये तो शुरुआत है। मेरी जानकारी है कि अभी 10 मंत्री और इस्तीफा दे सकते हैं। भाजपा से त्यागपत्र देने वाले विधायकों में से चार विधायक पहले ही समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं, जबकि तीन मंत्री और छह विधायक आज लखनऊ में सपा में शामिल होंगे।
वो मंत्री जिन्होंने बीजेपी से इस्तीफा दिए हैं उनमें स्वामी प्रसाद मौर्या, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी शामिल हैं। दूसरी तरफ, वो विधायक जो पार्टी से इस्तीफा दिए हैं उनमें राधा कृष्ण शर्मा, राकेश राठौड़, माधुरी वर्मा, जय चौबे, भगवती सागर, बृजेश प्रजापति, रौशन लाल वर्मा, अवतार सिंह भड़ाना, मुकेश वर्मा, विनय शाक्य और बाला प्रसाद अवस्थी शामिल हैं।