साल 2016 में कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए हरक सिंह रावत को अब भाजपा से निष्कासित कर दिया गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन्हें 6 साल के लिए निष्कासित किया है। उत्तराखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने हरक सिंह रावत को पार्टी और मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाए जाने की पुष्टि की है। अब कयास ये लगाए जा रहे हैं कि वो सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। खबरों के अनुसार, रावत और उनकी बहू अनुकृति गुसाईं रविवार को ही दिल्ली के लिए रवाना हो चुकी हैं और दोनों के सोमवार को कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है।
कैबिनेट मंत्री के एक करीबी ने एएनआई को बताया, "हरक सिंह रावत और उनकी बहू दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। रावत नाराज हैं क्योंकि उनकी बहू को टिकट नहीं मिल रहा है।" यह पूछे जाने पर कि क्या रावत और उनकी बहू कांग्रेस में शामिल होने के लिए दिल्ली गए थे, मंत्री के बेहद करीबी ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर उनकी बहू को भाजपा से टिकट नहीं मिला तो वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
हालांकि हरक सिंह रावत के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने में एकमात्र बाधा हरीश रावत हैं। कुछ दिन पहले जब हरीश रावत से हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की खबरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया, " कांग्रेस में शामिल होने में कोई समस्या नहीं है, अगर हरक खुले तौर पर अपनी गलती स्वीकार करते है।"
गौरतलब हो कि कि हरक सिंह रावत ने 2016 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था। उस समय हरक सिंह रावत सहित नौ बागी विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।