गृह मंत्रालय में बैठक के बाद महबूबा मुफ्ती ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा 'मुझे उम्मीद है कि पीएम मोदी इस वक्त का इस्तेमाल जम्मू कश्मीर के लोगों से संवाद शुरू करने और उनकी समस्याओं को सुनने में करेंगे। जरूरी है कि कश्मीर के लोगों का दिल जीतने के लिए वाजपेयी जी के कार्यकाल में शुरू हुई पहल को दोहराया जाए'।
दिल्ली पहुंची महबूबा ने यह भी कहा कि 'मुझे लगता है कि कश्मीर के लोगों के जख्मों को भरने की, उनसे संवाद करने की जरूरत है। वह हमारे अपने लोग हैं। अगर कश्मीर के लोगों से बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने से घाटी के हालात सुधर सकते हैं, तो हमें यह करना चाहिए'। अगर सही तरीके से संवाद प्रक्रिया को शुरू किया जाए तो जम्मू कश्मीर, भारत और पाकिस्तान के बीच एक पुल बन सकता है।
महबूबा मुफ्ती और गृहमंत्री के बीच हुई इस बैठक में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह भी मौजूद थे। साेेमवार को सदन में विपक्ष ने कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए, साथ ही सरकार से मांग की कि संकट की इस स्थिति में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए.
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ एक बैठक की है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा 'वहां हालात बहुत ही गंभीर है और बड़े अफसोस की बात है कि सरकार बाहर से खड़े बस इसे देख रही है। प्रधानमंत्री जी की ओर से एक शब्द भी नहीं बोल गया है, कश्मीर के लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि पीएम कश्मीर के हालातों पर चुप क्यों हैंं।