राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और हाल में महाराष्ट्र के मंत्री पद की शपथ लेने वाले छगन भुजबल ने गुरुवार को कहा कि अजित पवार के डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने के बाद हुए घटनाक्रम से पहले ही उनके गुट द्वारा "अयोग्यता से बचने" के लिए कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ली गई थी।
संवाददाताओं से बात करते हुए भुजबल ने यह भी कहा कि अजित पवार और अन्य नेता इस बात पर फैसला करेंगे कि पोस्टरों पर शरद पवार की तस्वीरों का इस्तेमाल किया जाए या नहीं। गौरतलब है कि शरद पवार के यह कहने के बाद भी कि उनकी तस्वीर का उपयोग केवल उनकी अनुमति से और समान विचारधारा वाले लोगों द्वारा किया जाना चाहिए, उनकी तस्वीर मंच पर लगे एक पोस्टर पर दिखाई दी, जहां अजित पवार के गुट की बैठक हुई थी।
भुजबल ने कहा कि एनसीपी के 42 से 43 विधायकों ने अजित पवार के समर्थन में हलफनामे पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा, "जब अजित पवार के नेतृत्व में सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया गया, तो कानून विशेषज्ञों से सलाह ली गई और उसके बाद ही यह निर्णय लिए गए। दो-चार विशेषज्ञों से अयोग्यता से बचने के लिए सलाह लेने के बाद ही कदम उठाए गए।"
उन्होंने कहा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने से पहले पार्टी के संविधान और चुनावी नियमों का पालन किया गया। भुजबल रविवार के समारोह में मंत्री पद की शपथ लेने वाले नौ एनसीपी नेताओं में शामिल थे। भुजबल ने कहा, ''हमने पहले शरद पवार को सुझाव दिया था कि उनकी बेटी को एनसीपी अध्यक्ष बनाया जाए और अजित पवार को महाराष्ट्र संभालने की अनुमति दी जाए।''