पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ममत बनर्जी को फिर बड़ा झटका लगा है। सोमवार को टीएमसी के शीतल कुमार सरदार समेत पांच विधायक सोमवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। इस बार इन पांचों विधायकों को टिकट नहीं दिया गया है।
सभी ने पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थामा। जिन टीएमसी नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा है उनमें तृणमूल कांग्रेस के विधायक- सोनाली गुहा, दीपेन्दू बिस्वास, रबिन्द्रनाथ भट्टाचार्य, जटू लहिरी, शीतल कुमार सरदार और टीएमसी के हबीबपुर सराला मुर्मू से उम्मीदवार हैं। रबिन्द्रनाथ भट्टाचार्य 2001 से सिंगुर विधानसभा सीट से टीएमसी के विधायक रहे है। इस बार 80 साल के ज़्यादा उम्र के किसी को टीएमसी ने टिकट नही दिया था और इसलिए रबिन्द्रनाथ भट्टाचार्य को टिकट नही मिला था। गौरतलब है कि रबिन्द्रनाथ भट्टाचार्यपिछले दशक में हुई सिंगुर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक है।
टीएमसी 291 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है, जिसमें 50 महिलाओं को टिकट दिया गया है। 2016 के चुनाव में 45 महिलाओं को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था। इस बार इन पांचों विधायकों को टिकट नहीं दिया गया है। टिकट दिए जाने से पहले भी टीएमसी का साथ कई दिग्गज नेता छोड चुके हैं।
ममता बनर्जी को कोशिश जहां इस चुनाव में हैट्रिक लगाकर सत्ता में वापसी करने की है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी लोकसभा चुनाव में राज्य के अंदर मिली शानदार जीत से उत्साहित वहां पर सरकार बनाने का सपना देख रही है। पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 8 चरणों में विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है। 294 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिए राज्य के चुनाव में उतरने वाले सियासी दल पूरी तरह से कमर कसकर मैदान में आ डटे हैं।