पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा हो चुकी है। अब नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जा रहा है। लेकिन, अब इसमें हिंदुत्व की जोरदार लड़ाई देखने को मिल रही है। पहले कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद “जय श्री राम” का मामला राज्य की चुनावी राजनीति में शुरू हो गया।
अब ममता ने शिव के जरिए इसकी काट निकालने की कोशिश की है। यही कारण है कि इस बार नंदीग्राम से ताल ठोकने वाली राज्य की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की मुखिया और राज्य की सीएम ममता बनर्जी शिवरात्रि के अवसर पर नामांकन कर जा रही हैं। इस बार शिवरात्रि 11 मार्च को है और इसी दिन बनर्जी ने नामांकन का दिन चुना है।
नंदीग्राम टीएमसी से बगावत के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने वाले शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है। पहले ममता भवानीपुर से विधानसभा चुनाव लड़ती थी। लेकिन, अब वो अधिकारी को टक्कर में जुट गई हैं। पहले इस बात के भी कयास थे कि ममता भवानीपुर से भी चुनाव लड़ेंगी। लेकिन, ममता सिर्फ नंदीग्राम से चुनाव लड़ना चाहती हैं।
पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में और असम में तीन चरणों में वोट डाले जाएंगे। पश्चिम बंगाल की 294 सीटों पर 27 मार्च, एक, छह, 10, 17, 22, 26 और 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे औरअसम की 126 सीटों पर 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी अकेले विधानसभा चुनाव लड़ रही है।कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन कर चुनावी मैदान में है। बीजेपी यहां सत्तारूढ़ टीएमसी को कड़ा मुकाबला दे रही है।