टीएमसी की मीटिंग में सोमवार को ममता बनर्जी को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी पांच मई को पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगी। नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ छह मई को होगा। टीएमसी नेता और मंत्री पार्था चटर्जी ने ये जानकारी दी है।
इसके बाद आज टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। राज्यपाल ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ के लिए न्योता दिया। राज्यपाल ने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपना त्यागपत्र सौंपा। राज्यपाल ने उनसे और मौजूदा मंत्रिपरिषद से वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया। ममता पांच मई को सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगी।
बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को प्रचंड बहुमत हासिल हुआ है। ममता नेस हैट्रिक के बाद साबित कर दिया है कि भारत में विपक्षी खेमे में उनकी टक्कर का कोई नेता फिलहाल नहीं है। शपथ समारोह को लेकर ममता बनर्जी ने कहा कि हम एक साधारण शपथ ग्रहण का कार्यक्रम रखेंगे। जब तक कोरोना की लड़ाई से देश जीत नहीं जाता, हम किसी भी प्रकार का जश्न नहीं मनाएंगे।
बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने 292 विधानसभा सीटों में से 213 पर जीत हासिल की है। वहीं, इस विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक देने वाली बीजेपी 77 सीटों पर विजयी रही। इसके साथ ही राष्ट्रीय सेकुलर मजलिस पार्टी के चिह्न पर चुनाव लड़ने वाली आईएसएफ को एक सीट मिली है और एक निर्दलीय प्रत्याशी भी जीत दर्ज करने में सफल रहा है। कांग्रेस और लेफ्ट खाता खोलने में भी नाकामयाब रहा। तृणमूल कांग्रेस का प्रदर्शन इस बार 2016 के विधानसभा चुनाव से भी बेहतर रहा जब इसे 211 सीट मिली थीं। बड़ी जीत के बाबजूद ममता बनर्जी को नंदीग्राम से हार का सामना करना पड़ा और वह अपने पूर्व सहयोगी शुभेन्दु अधिकारी से 1,956 मतों के अंतर से हार गईं।