Advertisement

उत्तर प्रदेश के लोगों को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों पर प्रधानमंत्री खामोश क्यों: कांग्रेस का सवाल

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उत्तर प्रदेश के मेरठ में प्रस्तावित सभा से पहले रविवार को...
उत्तर प्रदेश के लोगों को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों पर प्रधानमंत्री खामोश क्यों: कांग्रेस का सवाल

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उत्तर प्रदेश के मेरठ में प्रस्तावित सभा से पहले रविवार को सवाल किया कि प्रधानमंत्री देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य के लोगों को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों पर खामोश क्यों रहते हैं?

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘प्रधानमंत्री आज उत्तर प्रदेश के मेरठ में हैं। ये तीन ऐसे मुद्दे हैं जिन पर उन्होंने अपने वास्तविक इरादों को ज़ाहिर करने से बचने के लिए सोची-समझी चुप्पी साध रखी है। उत्तर प्रदेश के लोग उम्मीद करेंगे कि आज वह अपनी चुप्पी को तोड़ेंगे।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री मोदी को महिला सशक्तीकरण और "नारी शक्ति" के बारे में बात करना पसंद है, लेकिन उन्होंने भारत की महिलाओं की बार-बार अवहेलना की है, यहां तक कि अपनी पार्टी के भीतर भी। अभी दो हफ़्ते पहले, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने यह कहते हुए पार्टी छोड़ दी कि महिला पार्टी कार्यकर्ताओं का "अपमान" किया जा रहा है और उनके साथ "दुर्व्यवहार" किया जा रहा है।’’

रमेश के अनुसार, मुरादाबाद में भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष पर स्थानीय नेताओं ने हमला किया और उन्हें सोशल मीडिया पर न्याय मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘ क्या प्रधानमंत्री मोदी अंततः अपनी विफलताओं को स्वीकार करेंगे और आरोपियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करेंगे?’’

रमेश का कहना था, ‘‘कल मोदी सरकार ने भारत के किसानों के दो सबसे बड़े हिमायती - चौधरी चरण सिंह और डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया। भले ही प्रतीकात्मक राजनीति के तहत प्रधानमंत्री इन दोनों नेताओं के प्रति दिखावा करें, लेकिन उन्होंने किसानों को लगातार हताश और निराश किया है।’’

रमेश ने आरोप लगाया, ‘‘ 2014 में प्रधानमंत्री मोदी अक़्सर स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने का वादा करते थे। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद से, उन्होंने रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। भारत के किसान जब अपने अधिकारों और आजीविका के लिए आवाज़ उठाते हैं तब उन्हें दबा दिया जाता है।’’

उन्होंने सवाल किया कि स्वामीनाथन आयोग की उस रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री का रुख क्या है जिसका वह कभी प्रचार किया करते थे?

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘मोदी सरकार के शासनकाल में, पिछले कुछ वर्षों में सरकारी पदों पर भर्ती के लिए हुई परीक्षाओं के कम से कम 43 पेपर लीक हुए हैं, जिससे कम से कम दो करोड़ उम्मीदवार प्रभावित हुए हैं।”

उन्होंने कहा, “हाल ही में, यूपी पुलिस परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद परीक्षा रद्द होने से 60 लाख आवेदकों का भविष्य ख़तरे ‌में पड़ गया। अपनी युवा न्याय गारंटी के तहत, कांग्रेस पेपर लीक को रोकने के लिए मजबूत कानून लाने को प्रतिबद्ध है।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘हमारे युवाओं को हुए नुक़सान की भरपाई करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का नजरिया क्या है? भाजपा की ‘‘डबल इंजन’’ सरकार अपनी गलतियों को सुधारने और यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कर रही है कि हमारे युवाओं को फिर कभी इस तरह के अन्याय का सामना न करना पड़े?

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad