शिवसेना ने भारत और पाकिस्तान के साथ दोहरी नीति को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका की आलोचना की। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे मित्र बन गए हैं। उनके रिश्ते इतने गहरे हैं कि कार्यकाल समाप्त होने के बाद ओबामा का परिवार सूरत, राजकोट, पोरबंदर, मनाली, महाबलेश्वर या दिल्ली में से किसी स्थान पर बसने वाले तो नहीं हैं। संपादकीय में कहा गया है कि किसी अन्य भारतीय प्रधानमंत्री को अतीत में किसी अमेरिकी राष्ट्रपति से इतना प्रेम नहीं मिला। ओबामा का कार्यकाल 20 जनवरी 2017 को समाप्त होने वाला है। शिवसेना ने कहा कि मोदी ने जरूरत के समय में साथ देने के लिए अमेरिका का धन्यवाद किया है और यह उनके विनम्र स्वभाव के अनुरूप ही हैं।
संपादकीय में कहा गया है कि लेकिन इसी अमेरिका ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने और हथियारों की आपूर्ति करने की नीति बंद नहीं की है। एक तरफ आतंकवाद से लड़ते समय भारत को समर्थन देना तो उसी समय पाकिस्तान को एफ 16 जैसे लड़ाकू विमान की ब्रिकी करना। अमेरिका की यह नीति खतरनाक है। इसमें कहा गया है कि मोदी से मुलाकात के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को चेताया है और पठानकोट हमले के अभियुक्तों पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है लेकिन यह कार्रवाई कौन करेगा। संपादकीय में कहा गया, लादेन ने अमेरिका पर हमला किया तब अमेरिका ने पाकिस्तान को किसी तरह की भी सूचना नहीं देते हुए उनके देश में घुसकर लादेन को मारा और भारत के मामले में वह केवल चेतावनी देता है। इस दोहरेपन को समझना होगा। दरअसल पठानकोट हमले को 26/11 आतंकी हमले जैसा बताते हुए ओबामा ने स्पष्ट संदेश में पाकिस्तान से इसे अंजाम देने वालों को दंडित करने को कहा है और आतंकी खतरे से निपटने में भारत का साथ देने का संकल्प व्यक्त किया है।