जनता दल (सेक्यूलर) के निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना को लेकर कर्नाटक सरकार ने विदेश मंत्रालय से एक अपील की है. कर्नाटक सरकार का कहना है कि रेवन्ना के डिप्लोमैटिक पासपोर्ट को रद्द कर दिया जाए जिसके इस्तेमाल से वो भारत से बाहर चला गया। मंत्रालय ने रेवन्ना के पासपोर्ट को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आपको बता दें कि रेवन्ना पर आरोप है कि उसने कई महिलाओं के साथ यौन शोषण किया है।
रेवन्ना के भारत वापस लौटने को लेकर देवेगौड़ा परिवार की ओर से कई बार अपील की जा चुकी है. इस बार देश के पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने रेवन्ना को चेतावनी दे डाली। उन्होंने कहा कि अगर वह वापस नहीं आया और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया तो उसे परिवार से अलग कर दिया जाएगा। एचडी देवेगौड़ा ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर दो पन्नों का पत्र शेयर किया। उसमें उन्होंने लिखा, “यह कोई अपील नहीं है जो मैं कर रहा हूं, ये चेतावनी है। मेरे धैर्य की परीक्षा मत लो. जहां भी हो, वहां से वापस आकर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दो।"
उन्होंने आगे लिखा, “अगर वो इस चेतावनी पर ध्यान नहीं देगा तो उसे मेरे और अपने परिवार के सभी सदस्यों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। कानून उसके खिलाफ आरोपों को देखेगा, लेकिन परिवार की बात नहीं सुनने से उसको पूरी तरह अलग होना पड़ेगा. अगर उसके मन में मेरे लिए कोई सम्मान बचा है तो उसे तुरंत वापस लौटना चाहिए।"
आपको बता दें कि एसआईटी के जरिए सीबीआई ने इंटरपोल से अनुरोध किया था कि वो रेवन्ना के ठिकाने के बारे में जानकारी इकठ्ठा करें। अनुरोध के बाद इंटरपोल ने रेवन्ना के खिलाफ ‘ब्लू कॉर्नर नोटिस’ जारी कर दिया है।
वहीं मई के शुरूआत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने पुष्टि करते हुए कहा था कि यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी मांगे बगैर रेवन्ना डिप्लोमैटिक पासपोर्ट पर जर्मनी चले गए।