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नीतीश धीरे धीरे चल रहे हैं बड़ा दांव, बिहार की राजनीति में होगी बड़ी उथल-पुथल

बिहार के सियासी मैदान में खेल दिन-ब-दिन बदलता जा रहा है। अब माना जा रहा है की उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी...
नीतीश धीरे धीरे चल रहे हैं बड़ा दांव, बिहार की राजनीति में होगी बड़ी उथल-पुथल

बिहार के सियासी मैदान में खेल दिन-ब-दिन बदलता जा रहा है। अब माना जा रहा है की उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का जल्द ही जदयू में विलय संभव है। रविवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उपेन्द्र कुशवाहा की आधे घंटे से अधिक की हुई मुलाकात के बाद यह संभावना और बढ़ गयी है। बिहार विधानसभा के चुनाव परिणाम बाद नीतीश कुमार से उपेन्द्र कुशवाहा की यह तीसरी मुलाकात थी।

हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक मुलाकात के दौरान उपस्थित रहे जदयू के वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह और खुद उपेन्द्र कुशवाहा ने भी जदयू में रालोसपा के शीघ्र विलय के संकेत दिए। अगर ऐसा होता है तो जदयू का लव-कुश समीकरण एकबार फिर से मजबूत होगा। 

जानकारी के अनुसार विलय को लेकर पिछले एक महीने से उपेन्द्र कुशवाहा की जदयू के शीर्ष नेताओं संग बातचीत चल रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी हुई दूसरी मुलाकात के बाद कुशवाहा से आगे की बातचीत के लिए जदयू की ओर से बशिष्ठ नारायण सिंह को यह जिम्मेदारी दी गई थी। बशिष्ठ नारायण सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा में कई दौर की बातचीत के बाद आखिरकार रविवार की शाम दोनों इकट्ठे एक अणे मार्ग पहुंचे। लगभग 40 मिनट तक मुख्यमंत्री से कुशवाहा की बातचीत हुई।

वहां से निकलने पर मीडिया से बातचीत में उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश जी और मैं कभी भी अलग-अलग नहीं थे। नीतीश कुमार से उनके व्यक्तिगत संबंध हैं। यह संबंध आज का नहीं है। नीतीश कुमार पहले भी उनके बड़े भाई थे और आज भी हैं। हां, भले ही वे सियासी तौर से अलग थे। हालांकि रालोसपा का कब जदयू में विलय होगा, इस सवाल को वे टाल गए। कहा-आगे क्या होगा, फिलहाल हम क्या बोलें?

 

वहीं जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने नीतीश कुमार से उपेन्द्र कुशवाहा की मुलाकात को लेकर कहा कि यह स्वाभाविक मिलन है। बहुत ही पारिवारिक होकर अच्छे माहौल में बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा के जदयू में आने से लव-कुश ही नहीं सर्वसमाज में जदयू की ताकत बढ़ेगी। हमलोग लम्बे वक्त तक एकसाथ रहे हैं। वे कभी भी हमसे दूर नहीं रहे । जदयू की ओर से विपक्ष के नेता रहे हैं। राजनीति में मतभेद होता है, व्यक्ति अलग-अलग जगह पकड़ लेता है मगर अपने घर में उसके लिए स्थान होता है। उपेन्द्र कुशवाहा के लिए भी स्वाभाविक होगा कि वे जदयू में आएं। यह बिहार की सियासत के लिए भी अच्छा होगा।  रालोसपा का जदयू में मिलन कब होगा, इस प्रश्न पर बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि बहुत जल्द अच्छी खबर आएगी

 

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