केरल उच्च न्यायालय ने पलक्कड़ जिले में 2022 में आरएसएस नेता श्रीनिवासन की हत्या के मामले में आरोपी 17 पीएफआई सदस्यों को मंगलवार को जमानत दे दी। आरोपी कथित तौर पर राज्य और देश के विभिन्न हिस्सों में संप्रादायिक हिंसा भड़काने के आरोपों का भी सामना कर रहे हैं।
न्यायमूर्ति ए.के.जयशंकरन नाम्बियार और न्यायमूर्ति श्याम कुमार वी.एम.की पीठ ने एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) मामलों की विशेष अदालत के उस आदेश को भी बरकरार रखा जिसमें नौ अन्य आरोपियों को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार किया गया है।
उच्च न्यायालय का 111 पन्नों का यह आदेश मामले के 26 आरोपियों की अपील पर आया जिन्होंने विशेष अदालत द्वारा उनकी जमानत अर्जी खारिज किए जाने को चुनौती दी थी।
उच्च न्यायालय ने 26 आरोपियों में से 17 को जमानत देते हुए सख्त शर्तें भी लगाई हैं। आरोपियों को अपना मोबाइल फोन नंबर और वास्तविक समय में जीपीएस लोकेशन जांच अधिकारी से साझा करना होगा।
अदालत ने कहा कि इसके साथ ही आरोपी केरल से बाहर नहीं जाएंगे, अपना पासपोर्ट जमा करेंगे और 24 घंटे अपना मोबाइल फोन चार्ज व ऑन रखेंगे।
श्रीनिवासन की 16 अप्रैल 2022 को हत्या की गई थी और शुरुआत में 51 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से एक की मौत हो गई और सात आरोपी फरार चल रहे हैं। बाकी के खिलाफ जुलाई और दिसंबर 2022 में दो चरणों में आरोपपत्र दाखिल किए गए।
अदालत ने रेखांकित किया कि राज्य पुलिस जब इस मामले की जांच कर रही थी तो केंद्र को सूचना मिली कि केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इससे जुड़े संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश रची और केरल एवं देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों के लिए काडर को कट्टरपंथी बनाया।
इसके बाद केंद्र ने सितंबर 2022 को एनआईए को मामले की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया।