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सामाजवादी पार्टी की मांग, मनरेगा का बजट 20 प्रतिशत बढ़ाया जाना चाहिए

केंद्र सरकार पर किसानों की अवहेलना करने और उसके शासन में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के ‘चरमराने’ का...
सामाजवादी पार्टी की मांग, मनरेगा का बजट 20 प्रतिशत बढ़ाया जाना चाहिए

केंद्र सरकार पर किसानों की अवहेलना करने और उसके शासन में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के ‘चरमराने’ का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) ने सोमवार को मांग की कि मनरेगा योजना के तहत बजट 20 प्रतिशत बढ़ाया जाना चाहिए। लोकसभा में केंद्रीय बजट पर पिछले कुछ दिन से जारी चर्चा को आगे बढ़ाते हुए सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि यह सरकार किसानों और युवाओं का भविष्य सुनिश्चित नहीं कर पा रही और अपने कर्तव्य से डगमगा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार लगातार एक दशक से किसानों की अवहेलना कर रही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है जिसकी एक बड़ी वजह महंगाई है।’’ डिंपल यादव ने कहा कि सरकार ने इस बजट में ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा)’ योजना के लिए 89 हजार करोड़ रुपये का बजट दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मनरेगा का बजट लगभग 20 प्रतिशत बढ़ाया जाना चाहिए।’’ सपा सांसद ने सरकार पर युवाओं और छात्रों के प्रति नीयत तथा मंशा साफ नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुल केंद्रीय बजट का महज ढाई प्रतिशत शिक्षा बजट के लिए चिह्नित किया गया है जबकि यूनेस्को का मानदंड 4 से 5 प्रतिशत शिक्षा बजट का है।

उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर उसके वादे का क्या हुआ। डिंपल यादव ने पूछा कि उत्तर प्रदेश को इस बजट में क्या मिला है? क्या पिछले दस साल में उत्तर प्रदेश में एक भी मंडी बनी है? उन्होंने सरकार से यह सवाल भी किया कि क्या बजट में किसानों के लिए आवश्यक उपकरणों पर जीएसटी से छूट प्रदान की गई है।

सपा सांसद ने दावा किया कि एक बार उत्तर प्रदेश के दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को आश्वासन दिया था कि आवारा मवेशियों की समस्या से निजात दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘क्या बजट में इस समस्या को लेकर कोई प्रावधान किया गया है?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि रोजगार के वादे पर सरकार विफल रही है और उसने ‘अग्निवीर’ जैसी योजना लाकर नौजवानों का मनोबल और देश की प्रतिष्ठा को गिराया है।

सपा सांसद ने कहा कि सामाजिक न्याय की बात करने वाली सरकार जातिगत जनगणना से मुंह मोड़ रही है। उन्होंने बजट में कैंसर की तीन दवाओं पर सीमाशुल्क से छूट मिलने के फैसले को स्वागत योग्य बताया। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग एक हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार एक कैंसर अस्पताल में मरीजों का इलाज हो सके, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार कोई प्रयास नहीं कर रहे।

डिंपल यादव ने कहा, ‘‘यदि सरकार इस अस्पताल को सही ढंग से चलाती है तो देशवासियों को सस्ता इलाज मिलने में मदद मिलेगी।’’

 

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