शिवसेना (उबाठा) ने बुधवार को दावा किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता धनंजय मुंडे का मंत्री पद से इस्तीफा देना केवल एक ‘‘दिखावा’’ है और बीड के सरपंच की हत्या का मामला शांत होने के बाद उन्हें महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में पुनः शामिल करने का आश्वासन दिया गया है।
मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित भयावह तस्वीरें और अदालती आरोपपत्र के विवरण सामने आने के बाद विपक्ष ने मुंडे के इस्तीफे की मांग तेज कर दी थी। देशमुख हत्या मामले में मुंडे का करीबी सहयोगी कराड मुख्य आरोपी है।
संपादकीय में दावा किया गया है कि मुंडे से इस्तीफा तभी मांगा गया जब उन्हें आश्वासन दिया गया कि मामला (सरपंच हत्या मामले से संबंधित) शांत होने के बाद उन्हें फिर से मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया जाएगा।
इसमें कहा गया है कि न तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और न ही उपमुख्यमंत्री अजित पवार (जो राकांपा प्रमुख हैं) यह दावा कर सकते हैं कि इस्तीफा नैतिक आधार पर मांगा गया था।
शिवसेना (उबाठा) सांसद संजय राउत ने कहा कि देशमुख की हत्या के बाद उपमुख्यमंत्री पवार को मुंडे को कैबिनेट पद नहीं देना चाहिए था।
देशमुख को पिछले साल नौ दिसंबर को कथित तौर पर जिले में एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली के प्रयास को रोकने की कोशिश करने पर अगवा कर लिया गया और प्रताड़ित किया गया था। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई।