प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उच्च न्यायालय के आदेश के बाद लगभग 26,000 नौकरियां रद्द होने के मामले को लेकर शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि पश्चिम बंगाल के युवाओं को पार्टी की ‘‘कट और कमीशन’’ की संस्कृति के कारण नुकसान उठाना पड़ा है और यह अब ‘‘घोटालों का पर्याय’’ बन गई है।
प्रधानमंत्री ने मालदा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जिन युवाओं ने तृणमूल नेताओं को रिश्वत देने के लिए कर्ज लिया था, वे इस स्थिति के कारण बोझ से दबे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल घोटाले करती है जिसका खामियाजा राज्य की जनता को भुगतना पड़ता है। पार्टी बंगाल के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।’’
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित और उससे सहायता प्राप्त विद्यालयों में, राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) की भर्ती प्रक्रिया के जरिए हुई शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मियों की 25,753 नियुक्तियों को रद्द करने का सोमवार को आदेश दिया था तथा चयन प्रक्रिया को ‘‘अमान्य एवं अवैध’’ करार दिया था।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘तृणमूल शासन में केवल एक ही चीज मौजूद है - हजारों करोड़ रुपये के घोटाले। दोषी तृणमूल है, लेकिन उसके धोखे की कीमत पूरे राज्य को चुकानी पड़ रही है।’’ मोदी ने नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के बारे में अफवाह फैलाने के लिए कांग्रेस और तृणमूल पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएए ‘‘नागरिकता देने के लिए है, उसे छीनने के लिए नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन दोनों दलों के बीच तुष्टीकरण की होड़ चल रही है। कांग्रेस आपकी संपत्ति हड़पना चाहती है और तृणमूल इसके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोल रही। राज्य सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों को बंगाल में बसाने का काम कर रही है और कांग्रेस उन्हीं में आपकी संपत्ति बांटने की बात कर रही है।’’