दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 31 मई तक बढ़ा दी है। मनीष सिसोदिया फरवरी 2023 से दिल्ली शराब नीति मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। उनके पूर्व बॉस और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी एक्साइज पॉलिसी में हुई कथित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। वह वर्तमान में चल रहे लोकसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी के प्रचार के लिए अंतरिम जमानत पर बाहर हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा ईडी और सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों से जुड़ी सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाए जाने की उम्मीद है। हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई कॉज लिस्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा आज शाम 5 बजे दोनों जमानत याचिकाओं पर आदेश सुना सकते हैं। 14 मई को दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की दलीलें सुनने के बाद मनीष सिसोदिया की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
वहीं, पिछले सप्ताह प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप पत्र दाखिल करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) को भी आरोपी बनाया था। ईडी और सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को जमानत पर रिहा करने का विरोध किया है और आरोप तय करने की प्रक्रिया में देरी करने के लिए आरोपियों द्वारा किए गए प्रयासों का दावा किया है।
बता दें कि पिछले साल 26 फरवरी को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से सिसोदिया न्यायिक हिरासत में हैं। बाद में, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। जांच एजेंसियों के अनुसार, आबकारी नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि लाभार्थियों ने "अवैध" लाभ को आरोपी अधिकारियों को हस्तांतरित कर दिया और पता लगाने से बचने के लिए अपने खातों में गलत प्रविष्टियां कीं।