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अनिल देशमुख के बचाव में फिर आए पवार, कहा- आरोपों में नहीं है दम

मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद से महाराष्ट्र सरकार में हलचल तेज हुई है। पूरा...
अनिल देशमुख के बचाव में फिर आए पवार, कहा- आरोपों में नहीं है दम

मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद से महाराष्ट्र सरकार में हलचल तेज हुई है। पूरा विपक्ष राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है। इस बीच एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने दिल्ली में आयोजित एक प्रेसवार्ता में गृहमंत्री का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि आरोपों में कोई दम नहीं है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जिस अवधि के दौरान आरोप लगाए गए, अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे। यह स्पष्ट है, ऐसी मांगों में कोई दम नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि यदि आप पूर्व आयुक्त के पत्र को देखते हैं, तो वे उल्लेख करते हैं कि फरवरी के मध्य में उन्हें कुछ अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया था कि उन्हें गृह मंत्री से ऐसे और ऐसे निर्देश मिले हैं ... जबकि 6 से 16 फरवरी तक श्री देशमुख को कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने रविवार को भी कहा था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। एनसीपी के राज्य प्रमुख और महाविकास आघाडी सरकार में वरिष्ठ मंत्री जयंत पाटिल ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर यहां तीन घंटे चली बैठक के बाद कहा था कि प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के बाहर वाहन मिलने की घटना और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले से ध्यान भटकाने की जरूरत नहीं है।

अंबानी के आवास के बाहर जो वाहन मिला था उसमें विस्फोटक सामग्री रखी हुई थी। उन्होंने कहा कि इन दो घटनाओं पर ध्यान केंद्रित है और उसके बाद उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे। पाटिल ने कहा कि एटीएस ने हिरन की हत्या के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता।’’

वहीं इससे पहले, पवार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि देशमुख पर फैसला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करेंगे।उन्होंने कहा था कि देशमुख के खिलाफ मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए आरोप गंभीर हैं और उनकी गहन जांच होनी चाहिए।

गौरतलब है कि सिंह ने दावा किया है कि देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी मुंबई में होटल और बार से उनके लिए हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करें। इस बीच, सिंह के लगाए आरोपों के बाद देशमुख को हटाए जाने की मांग तेज हो गई है। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन किए।

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