महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने बुधवार को महायुति सरकार के खिलाफ एक ‘‘आरोपपत्र’’ पेश किया, जिसमें राज्य से उद्योगों के पलायन और कानून-व्यवस्था के ‘‘ध्वस्त’’ होने को उजागर किया गया. शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने ‘‘महाराष्ट्र की आर्थिक गिरावट, उद्योगों के पलायन और महिला सुरक्षा’’ सहित दस महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक अभियान शुरू किया. लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले और पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने मंत्रालय के पास महात्मा गांधी की प्रतिमा से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा तक मार्च किया और बाद में दक्षिण मुंबई के हुतात्मा चौक तक पैदल मार्च किया. जयंत पाटिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम पूरे राज्य में ‘हक्क मागतोय महाराष्ट्र’ (हक मांग रहा महाराष्ट्र) अभियान शुरू कर रहे हैं. हम महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आरोपपत्र तैयार करने के लिए एकजुट हैं.’’
इस अभियान में दृश्य-श्रव्य माध्यम का इस्तेमाल होगा जिसमें विभिन्न मीडिया पर विज्ञापन और एक नया गाना शामिल है. उन्होंने कहा कि पहला विज्ञापन ‘‘बढ़ती बेरोजगारी और प्रमुख परियोजनाओं को गुजरात में स्थानांतरित करने’’ पर केंद्रित है. पाटिल ने आरोप लगाया, ‘‘पिछले दस वर्षों में भाजपा और उसकी दो सहयोगियों (अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा और शिवसेना) ने छत्रपति शिवाजी महाराज, ज्योतिबा शाहू, ज्योतिबा फुले और बी आर आंबेडकर की विचारधारा को कमजोर किया है.’’ कृषि संकट का आरोप लगाते हुए पाटिल ने दावा किया कि किसान इसलिए परेशान हैं क्योंकि वे सोयाबीन, प्याज और संतरे के लिए उचित मूल्य चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘विशेष रूप से डेरी किसानों को इस सरकार की कार्रवाइयों का खामियाजा भुगतना पड़ा है.’’ पाटिल ने आरोप लगाया कि आम लोग महंगाई तथा पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी से जूझ रहे हैं और जीएसटी भुगतान पूल में सबसे अधिक योगदान देने वाला राज्य होने के बावजूद पड़ोसी राज्यों के विपरीत महाराष्ट्र को केंद्रीय बजट में कोई न्याय नहीं मिला.
उन्होंने दावा किया कि प्रदेश भाजपा की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर ‘‘निर्भरता’’ चुनावों के बाद महाराष्ट्र में सरकार बदलने का संकेत देती है. पाटिल ने कहा, ‘‘हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनाव हो रहे हैं, लेकिन शाह को मुंबई में डेरा डालना पड़ रहा है, जो महाराष्ट्र सरकार में संकट की गंभीरता को दर्शाता है. महा विकास आघाडी (एमवीए) चुनाव जीतकर सत्ता में आएगी.’’ राज्य सरकार द्वारा देशी गायों को राज्यमाता-गोमाता घोषित करने के फैसले पर पाटिल ने कहा, ‘‘भाजपा ने चुनावी बॉण्ड के जरिए गोमांस निर्यातकों से कितना पैसा प्राप्त किया? इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि उन्हें गौमाता से कितना प्यार है.’’ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल में कहा था कि वंचित महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए महाराष्ट्र सरकार की ‘लाडकी बहिन योजना’ अन्य क्षेत्रों में सब्सिडी के समय पर भुगतान को प्रभावित कर सकती है. इस बारे में पूछे जाने पर पाटिल ने कहा कि गडकरी की राज्य की वित्तीय हालत पर टिप्पणियां सच हो सकती हैं क्योंकि भाजपा के वरिष्ठ नेता बेलाग-लपेट अपनी बात कहने के लिए जाने जाते हैं.