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बीजेपी में वापसी पर शत्रुघ्न सिन्हा ने तोड़ी चुप्पी , जाने मोदी पर क्या बोले

कांग्रेस नेता और दिग्गज अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने इन दिनों मीडिया में चल रही भाजपा में वापसी की...
बीजेपी में वापसी पर शत्रुघ्न सिन्हा ने तोड़ी चुप्पी , जाने मोदी पर क्या बोले

कांग्रेस नेता और दिग्गज अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने इन दिनों मीडिया में चल रही भाजपा में वापसी की अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि रविवार को की गई टिप्पणी एक व्यंग्य के रूप में थी और पार्टी बदलने की कोई इरादा नहीं है।

शत्रुघ्न ने रविवार को ट्विट किया था " दुनिया में चार तरह के दुःखी लोग होते हैं.. 1. अपने दु:खों से दु:खी, 2. दूसरों के दु:ख से दु:खी, 3. दूसरों के सुख से दु:खी, और न्यू वैरिएंट, 4. बिना बात खामखां मोदी से दु:खी!"

इस ट्विट पर लगाई गई अटकलों को साफ करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि यह रविवार को मनोरंजन के लिए किया गया था। मैं हर रविवार को मनोरंजन ने लिए कुछ ट्वीट करता हूं औऱ उनसे कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मुझे कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने की कोई इच्छा नहीं है और न ही रहेगी।

दरअसल, सिन्हा लोकसभा चुनाव 2019 से पहले भाजपा के स्थापना दिवस पर पार्टी को झटका देते हुए कांग्रेसी चोला पहन लिया था। "हाथ" का दामन थामते हुए सिन्हा को लगा कि उन्होंने भाजपा छोड़ अपना कायकल्प कर लिया है और कांग्रेस में उन्हें बेहतर जगह मिलेगी। लेकिन, उनके कयास गलत निकले। पटना साहिब से सांसद रह चुके शत्रुघ्न सिन्हा ने लोकसभा चुनाव में इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमाई थी। लेकिन, मौजूदा केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के सामने उनका न चला। उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब उनके परिवार का राजनीतिक कैरियर खत्म होने के मुहाने पर खड़ा नजर आ रहा है।

बिहार विधानसभा चुनाव में भी उनके बेटे लव सिन्हा ने पहली बार राजनीति में किस्मत आजमाते हुए बांकीपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन, भाजपा के नितिन नवीन से वो हार गए। अब शत्रुघ्न को लग रहा है कि जिस नाव पर वो सवार हैं वो डुबती नजर आ रही है। क्योंकि, कांग्रेस की स्थिति राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ राज्य स्तर पर भी लगातार कमजोर पड़ती जा रही है। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महज 19 सीट हीं जीत पाई थी जबकि महागठबंधन में पार्टी को कुल 70 सीटें मिली थी। जिसके बाद से ये मंथन शुरू हुआ कि तेजस्वी यादव ने कांग्रेस को इतनी अधिक सीट दे कर बड़ी गलती कर दी और इसी वजह से वो सरकार बनाने से चुक गएं। कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन लेफ्ट ने किया था। महागठबंधन को बहुमत के आंकड़े 122 के मुकाबले 110 सीटें मिली थी।

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