मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीनों पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी कैबिनेट का विस्तार किया है। सीएम चौहान ने शनिवार को तीन और विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया। आज राजभवन में तीनों विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली।
बता दें कि इस विस्तार से पहले मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में सीएम चौहान को मिलाकर 31 सदस्य थे। संविधान के अनुसार, यह संख्या 35 तक जा सकती है, जो कि मध्य प्रदेश विधानसभा के कुल 230 सदस्यों का 15 प्रतिशत है। इससे पहले शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट का विस्तार जनवरी 2021 में हुआ था।
मुख्यमंत्री के तौर पर अपने चौथे कार्यकाल के अंत में, शिवराज सिंह चौहान एमपी के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवारत सीएम हैं और आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट का विस्तार यह दर्शाता है कि वह जातिगत समीकरणों को संतुलित और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को संबोधित करना चाहते हैं।
• विंध्य क्षेत्र के रीवा निर्वाचन क्षेत्र से 4 बार विधायक रहे राजेंद्र शुक्ला नए मंत्रियों में से एक हैं। शुक्ला पहले मध्य प्रदेश सरकार में वाणिज्य मंत्री के रूप में कार्यरत थे।
• महाकोशल क्षेत्र के बालाघाट निर्वाचन क्षेत्र से गौरीशंकर बिसेन राजपूत नेता, जो पहले मंत्री के रूप में शिवराज चौहान के अधीन काम कर चुके थे, कैबिनेट में दूसरा नया नाम है।
• खड़गपुर से ओबीसी नेता राहुल लोधी को भी शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, राज्य की आबादी में ओबीसी की आबादी करीब 40 फीसदी है। मई 2021 में एक उपचुनाव में वह दमोह निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुने गए थे।
मध्य प्रदेश उन पांच राज्यों में शामिल है जहां राज्य के 230 सदस्यों को चुनने के लिए इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। हाल में, भाजपा ने 230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 39 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की थी, जिसके बाद पार्टी से टिकट चाहने वाले प्रमुख नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्र में अपनी पकड़ दिखाने की तैयारी तेज कर दी है।
मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और बीजेपी को 109 सीटें मिलीं। हालांकि, साल 2020 में कुछ विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस की सरकार ने बहुमत खो दिया। इसके बाद, भाजपा ने राज्य में सरकार बनाई और शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मुख्यमंत्री बने।