केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को लेकर पश्चिम बंगाल में कई अनियमितताएं हुई हैं तथा राशि को दूसरे मदों में खर्च कर दिया गया जिसके कारण राज्य के लिए पैसे का आवंटन रोका गया।
उन्होंने सदन में प्रश्नकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी के पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। बनर्जी ने पूरक पूछते हुए आरोप लगाया कि मनरेगा के संदर्भ में केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के साथ राजनीतिक पक्षपात दिखाया है।
जवाब देते हुए चौहान ने कहा, ‘‘मजदूर जितने दिन का रोजगार मांगते हैं उतना दिया जाता है। यह नरेन्द्र मोदी की सरकार है। इस साल 86 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अगर जरूरत हुई और मजदूरों की मांग हुई तो इसे और बढ़ाया जाएगा।’’ उनका कहना था कि अगर कोई योजना का दुरुपयोग करेगा, ‘‘फंड डाइवर्ट’’ करेगा तथा योजना का नाम बदलेगा तो कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने दावा किया, ‘‘पश्चिम बंगाल ने कई अनियमितताएं की हैं, ‘‘फंड डाइवर्ट’’ किया गया है, योजनाओं का नाम बदला गया है। प्राथमिकी दर्ज की गई है। पश्चिम बंगाल की सरकार ने उन अधिकारियों को बचाने का काम किया है जिन्होंने ‘‘फंड डाइवर्ट’’ किया है। इसलिए पैसा रोका गया है।’’
चौहान ने कहा, ‘‘यह पैसा खाने के लिए नहीं है, यह मजदूरों के लिए है।’’ इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सदन में हंगामा किया। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘आप नियम 55 के तहत लिखकर दे दें, मैं (मनरेगा को लेकर) चर्चा करा दूंगा।’’
हक