एनडीए और इंडिया ब्लॉक नेताओं के बीच खींचतान के बीच शुक्रवार को स्थगित होने के बाद 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का दूसरा सप्ताह आज शुरू हुआ। हालांकि, आज भी सदन की शुरूआत हंगामे से हुई। संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा में आज जमकर हंगामा हुआ। आज सदन में नए आपराधिक कानून, नीट परीक्षा में अनियमितताओं और केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का मुद्दा उठा।
बता दें कि लोकसभा में भाजपा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत की। इस प्रस्ताव का समर्थन पहली बार लोकसभा सदस्य बनीं बांसुरी स्वराज ने किया। इसके बाद हंगामा और बढ़ने लगा जिसको देखते हुए, दोपहर 2 बजकर 10 मिनट तक के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नीट अनियमितताओं को लेकर सदन में सरकार को जमकर घेरा और सदन में इस पर चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा, "संसद से देश को संदेश दिया जाता है। हम छात्रों को यह संदेश देना चाहते हैं कि नीट का मुद्दा संसद के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए यह संदेश देने के लिए हम चाहते हैं कि संसद इस पर चर्चा करे।"
वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला विपक्षी सांसदों द्वारा दिए गए स्थगन प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया। कई सांसदों ने चल रहे नीट पेपर लीक मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किए थे। विपक्ष सरकार पर इस मुद्दे पर "समर्पित चर्चा" करने का दबाव बना रहा है। लोकसभा अध्यक्ष ने पेपर लीक मुद्दे पर एक दिवसीय चर्चा के विपक्ष के नेता राहुल गांधी के सुझाव पर भी विचार करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद कई विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
गौरतलब है कि आज विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी सांसद केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ भी संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। विपक्षी नेताओं के माइक बंद किए जाने के आरोपों को लेकर भी सदन में जमकर हंगामा हुआ। इसपर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जवाब देते हुए कहा, "माइक पर मेरा नियंत्रण नहीं है।"
दूसरी तरफ बता दें कि राज्यसभा में भी आज भारी हंगामा देखा गया है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चल रहे नीट पेपर लीक मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा। खड़गे ने सुझाव दिया, “सिर्फ नीट या नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ही नहीं, पूरी शिक्षा प्रणाली की सुप्रीम कोर्ट के तहत समीक्षा की जानी चाहिए।"
खड़गे ने पीएम पर भी निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी केवल नारे देने में माहिर हैं; मणिपुर पिछले एक साल से जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री ने राज्य का दौरा नहीं किया। उन्होंने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से संसद परिसर में महात्मा गांधी, अंबेडकर और अन्य की मूर्तियों को उनके मूल स्थानों पर वापस रखने की भी अपील की। खड़गे ने प्रधानमंत्री पर "गलत सूचना फैलाकर समाज में विभाजन पैदा करने" का आरोप भी लगाया, लेकिन लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अपने भाषणों के दौरान ऐसा करने में विफल रहे।
यही नहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को ‘घोर निराशाजनक’ और केवल ‘सरकार की तारीफों के पुल बांधने वाला’ करार देते हुए सोमवार को कहा कि इसमें न तो कोई दिशा है और ना ही कोई दृष्टि है। उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सोमवार को चर्चा में हिस्सा लेते हुए खड़गे ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) परीक्षा की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच, जाति आधारित जनगणना कराने और अग्निवीर योजना को रद्द करने की मांग की।