चक्रवात ‘रेमल’ के बाद लगातार बारिश के कारण प्रभावित हुए असम के कुछ हिस्सों में मतगणना सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के मद्देनजर निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए जनरेटर और इनवर्टर लगाने समेत विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
भारी बारिश के कारण राज्य के कुछ हिस्सों में संचार संपर्क प्रभावित हुआ है।
असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) अनुराग गोयल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में 14 लोकसभा सीटों के लिए मतगणना और परिणामों की घोषणा में किसी भी तरह के अवरोध से बचाव के लिए बिजली आपूर्ति से लेकर पोर्टल पर आंकड़े साझा करने के वास्ते विशेष व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने बताया कि मतगणना चार जून को सुबह आठ बजे से राज्य के 52 केंद्रों के 152 हॉल में शुरू होगी।
गोयल ने कहा, ‘‘पश्चिमी कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ जिलों में भारी बारिश से हुए नुकसान के कारण कुछ समस्याएं हैं। संचार बाधित हो गया है और इंटरनेट कनेक्टिविटी भी विश्वसनीय नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि असम विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने दीमा हसाओ के मुख्यालय हाफलोंग में मतगणना केंद्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन दिया है।
सीईओ ने कहा कि उनके कार्यालय ने बिजली कटौती की सूरत में अतिरिक्त जनरेटर और इनवर्टर की भी व्यवस्था की है।
उन्होंने कहा कि हाफलोंग में इंटरनेट सेवा को अभी भी बहाल किया जाना है, इसलिए दीमा हसाओ के लिए मतगणना के आंकड़े दिफू से पोर्टल पर जारी करने की व्यवस्था की गई है।
गोयल ने कहा, ‘‘बीएसएनएल ने हमें किराए पर इंटरनेट लाइन को बहाल करने का आश्वासन दिया है, लेकिन हमारे पास दिफू से आंकड़े साझा करने की योजना तैयार है।’’
उन्होंने कहा कि बराक घाटी के करीमगंज जिले में बाढ़ का पानी स्ट्रांग रूम में घुस सकता था और आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ईवीएम और अन्य सामग्रियों को इमारत की ऊपरी मंजिल पर ले जाने के लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति ली गई है।
गोयल ने कहा, ‘‘अब जलस्तर कम हो गया है और हमें नहीं लगता कि सामग्री को स्थानांतरित करने की आवश्यकता होगी।’’