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हिमंत बिस्वा शर्मा का अजीबोगरीब बयान, "कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान का कोई फायदा नहीं, वे भाजपा में शामिल होंगे"

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों को वोट देने का कोई...
हिमंत बिस्वा शर्मा का अजीबोगरीब बयान,

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों को वोट देने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि वे अंततः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो जाएंगे।बहाल में कांग्रेस के कई नेता दलबदल कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। शर्मा ने बराक घाटी के दो निर्वाचन क्षेत्रों-सिलचर और करीमगंज में भाजपा प्रत्याशियों के लिए प्रचार करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे जीतें या हारें, यह अलग बात है लेकिन सवाल यह है कि क्या उम्मीदवार कांग्रेस में रहेगा।’’

उन्होंने कहा कि अब कोई भी कांग्रेस में नहीं रहना चाहता बल्कि वे भाजपा में शामिल होने को उत्सुक हैं। शर्मा ने कहा कि इस बात का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है कि वे भाजपा में शामिल होना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री सूर्य हैं और हम सभी उनके चारों ओर चंद्रमा हैं।’’ मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘इसलिए, कांग्रेस को वोट देने का कोई मतलब नहीं है। इसके अलावा, एक उम्मीदवार को छोड़कर, मैं पार्टी से चुनाव लड़ रहे अन्य सभी को भाजपा में ला सकता हूं।’’

इसके पहले कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष राणा गोस्वामी सहित कई पार्टी नेता भाजपा में शामिल हो गए थे जबकि कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ और बसंत दास ने पिछले महीने कहा था कि उन्होंने विकास कार्यों के लिए ‘‘सरकार का समर्थन’’ करने का फैसला किया है। पांरपरिक रूप से कांग्रेस का समर्थक माने जाने वाले अल्पसंख्यक मतदाताओं के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक नाम की कोई चीज नहीं है। लोग प्रधानमंत्री और उनकी ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ की नीति के लिए मतदान करेंगे।’’

शर्मा ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक कोई मुद्दा नहीं है। हम अल्पसंख्यकों के लिए काम कर रहे हैं और अब पहली बार समुदाय के युवाओं को बिना रिश्वत दिए नौकरियां मिल रही हैं। क्या कांग्रेस शासन के दौरान उन्हें कभी नौकरियां मिलीं?’’उन्होंने दावा किया कि भाजपा करीमगंज और नगांव की अल्पसंख्यक बहुल सीटों पर आसानी से जीत हासिल करेगी।"

मौजूदा लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई के जोरहाट से चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भारी अंतर से हारेंगे। मौजूदा लोकसभा में असम की 14 सीट में से नौ पर भाजपा और तीन पर कांग्रेस का कब्जा है जबकि एआईयूडीएफ और एक निर्दलीय के पास एक-एक सीट है। राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सभी 14 सीट पर चुनाव लड़ रहा है, जिनमें से भाजपा ने 11 सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा की है, जबकि उसकी सहयोगी-असम गण परिषद (अगप) दो सीटों पर और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) एक सीट पर चुनाव लड़ेंगे।

कांग्रेस 16 दलों के संयुक्त विपक्षी फोरम असम (यूओएफए) का हिस्सा है और 12 सीट पर चुनाव लड़ेगी जबकि डिब्रूगढ़ सीट उसने एजेपी के लिए छोड़ा है। लखीमपुर सीट पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। असम में तीन चरणों में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल और सात मई को मतदान होगा।

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