सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री के बेटे की संलिप्तता वाले मुकदमे के समापन के लिए समय सारिणी की मांग की है। बता दें कि यह मामला 3 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में हिंसा के दौरान आठ लोग मारे गए थे, जब किसान उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र में दौरे का विरोध कर रहे थे।
उस घटना में एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया, जिसमे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा बैठे थे।घटना के बाद, ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं को कथित रूप से गुस्साए किसानों ने पीट-पीट कर मार डाला था। इस हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि इस मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा है। आशीष मिश्रा सहित कुल 13 आरोपियों पर आईपीसी की धारा 147 और 148 के तहत दंगा, 149 (गैरकानूनी विधानसभा), 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 326 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों से गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले की सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सत्र अदालत के न्यायाधीश से केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष और 12 अन्य पर कथित हत्या और घास काटने के मामले में संबंधित अपराधों के मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए संभावित समय पर करने के लिए कहा। वही दूसरी तरफ शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से भी पूछा, जिसने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए अपराध को "गंभीर" करार दिया।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि आरोपी, पीड़ितों और समाज सहित सभी पक्षों के हितों को संतुलित करने की जरूरत है। पीठ ने कहा "पीड़ितों और गवाहों के भी अपने अधिकार हैं। अब, हमें मामले में सभी अधिकारों को संतुलित करना होगा।"
तो वहीं इस मामले की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश से आरोप तय करने की वांछनीयता पर विचार करने को कहा। मामले के अगली सुनवाई को 11 जनवरी के लिए पोस्ट किया।