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तमिलनाडु: भाषा विवाद पर राज्यपाल और द्रमुक आमने-सामने

तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने शुक्रवार को राज्य की नीति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकार की...
तमिलनाडु: भाषा विवाद पर राज्यपाल और द्रमुक आमने-सामने

तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने शुक्रवार को राज्य की नीति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकार की "कठोर" दो- नीति के कारण दक्षिणी तमिलनाडु के युवा अवसरों से वंचित हो रहे हैं।

उन्होंने इसे "अनुचित" बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र "उपेक्षित पिछवाड़ा" बन चुका है।
सत्तारूढ़ द्रमुक ने रवि की टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना करते हुए उन पर तमिलनाडु के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया।
 
राज्यपाल रवि ने तूतिकोरिन और तिरुनेलवेली जिलों का दौरा करते हुए विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर अपनी बातचीत का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने शिक्षा, व्यवसाय, स्वास्थ्य, पर्यटन, युवा स्टार्टअप, महिला उद्यमिता और एमएसएमइ क्षेत्र के लोगों के साथ चर्चा की।

उन्होंने लिखा, "इस क्षेत्र के लोगों में सकारात्मक ऊर्जा और विकास की इच्छा है, लेकिन वे अनेक कठिनाइयों और व्यवस्थागत बाधाओं का सामना कर रहे हैं।"

राज्यपाल ने कहा कि यह क्षेत्र अपार मानव और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद औद्योगीकरण और अवसरों की कमी महसूस करता है।

उन्होंने कहा कि युवाओं में नशीले पदार्थों का दुरुपयोग एक गंभीर समस्या है। इस क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) 2020 को लागू करने की मांग बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि यहां के युवा पड़ोसी राज्यों के युवाओं की तुलना में खुद को पिछड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं जिसका मुख्य कारण राज्य सरकार की दो- नीति है। ‘‘हिंदी विरोध के नाम पर उन्हें अन्य दक्षिण भारतीय एं भी सीखने नहीं दी जातीं। यह सरासर अन्याय है। युवाओं को अपनी पसंद की पढ़ने का विकल्प मिलना चाहिए।’’

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