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तेलंगाना: हैदराबाद में बेहतर बुनियादी ढांचे, कानून एवं व्यवस्था का दावा कर रही बीआरएस

हैदराबाद और आसपास के इलाकों में बेहतर बुनियादी ढांचा, रोजगार सृजन और ‘‘बेहतर’’ कानून व्यवस्था...
तेलंगाना: हैदराबाद में बेहतर बुनियादी ढांचे, कानून एवं व्यवस्था का दावा कर रही बीआरएस

हैदराबाद और आसपास के इलाकों में बेहतर बुनियादी ढांचा, रोजगार सृजन और ‘‘बेहतर’’ कानून व्यवस्था कुछ ऐसे प्रमुख मुद्दे हैं, जिनके दम पर तेलंगाना में सतारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान मतदाताओं को लुभाने में लगी है।

अहम बात यह है कि राज्य की 119 में से 24 विधानसभा सीटें इसी क्षेत्र में हैं। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम सीमा में 15 सीट हैं जिनमें 45.37 लाख मतदाता हैं। शहर के आसपास के हिस्सों में नौ सीट हैं, जहां 50 लाख से अधिक मतदाता हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों में बीआरएस ने अधिकतर सीटें जीतीं, जबकि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने सात सीटें जीती थीं।

बीआरएस सरकार हैदराबाद को ‘‘ग्लोबल सिटी’’ बनाने के अपने प्रयासों का दावा करती है, जबकि विपक्षी दल और राजनीतिक विश्लेषक इस दावे को खारिज कर रहे हैं। बीआरएस प्रवक्ता सरवन दासोजू ने ‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, ‘‘शहर में ‘‘बेहतर’’ कानून-व्यवस्था, युवाओं के लिए रोजगार सृजन करने वाला निवेशक-अनुकूल माहौल और सड़कें, पुल तथा साफ पेयजल जैसा ‘‘उत्कृष्ट’’ बुनियादी ढांचा बीआरएस सरकार की प्रमुख उपलब्धियों में से है और यह सभी मिलकर हैदराबाद को ‘‘ग्लोबल सिटी’’ बनाते हैं।

जब उनसे शहर के कुछ हिस्सों में जलभराव और मानसून के दौरान नालों के तेज बहाव में लोगों के बह जाने की घटनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि ये अलग घटनाएं हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता एन.वी. सुभाष ने आरोप लगाया कि बीआरएस सरकार ने बुनियादी ढांचे के लिए केंद्र की ओर से स्वीकृत धन का दुरुपयोग किया और शहर को विकास से वंचित किया गया।

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक एस नागेश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार का दावा है कि हैदराबाद एक ‘‘ग्लोबल सिटी’’ बन गया है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा और यह सिर्फ ‘‘एक सड़क का मामला’’ है। उनके अनुसार, मानसून के दौरान शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते हैं जो निश्चित रूप से एक अहम मुद्दा है और सरकार ने कई फ्लाईओवर बनाए हैं, फिर भी महत्वपूर्ण स्थानों पर अभी भी काम करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का पूरा ध्यान केवल हैदराबाद के पश्चिमी हिस्से पर है। शहर के केंद्र की उपेक्षा की गई है। शहर के मध्य भाग में सबसे ज्यादा जाम रहता है।’’ उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे की अनुचित योजना के कारण कई समस्याएं पैदा हो रही हैं और जल निकासी व्यवस्था अब भी एक बड़ी समस्या है।


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