उच्चतम न्यायालय ने मवेशी तस्करी मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल को मंगलवार को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एस सी शर्मा की पीठ ने मंडल को इस आधार पर राहत दी कि मामले की सुनवाई में समय लगेगा और वह दो साल से जेल में हैं।
शीर्ष अदालत ने मंडल को जांच में सहयोग करने और पासपोर्ट जमा कराने का निर्देश दिया। मंडल की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि मामले में चार आरोप पत्र दायर किए जा चुके हैं और तृणमूल नेता (मंडल) को छोड़कर सभी आरोपी जेल से बाहर हैं।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने जमानत अर्जी का विरोध किया और कहा कि मंडल एक बहुत प्रभावशाली व्यक्ति हैं और वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ में शामिल थे।
सीबीआई ने दावा किया था कि मंडल पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले से बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी के मुख्य सूत्रधार थे। हालांकि, मंडल के वकील ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि इस संबंध में कोई सबूत नहीं मिला है।