यूनेस्को की ओर से कोलकाता में दुर्गा पूजा को विरासत का दर्जा दिए जाने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को विपक्षी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने उनकी सरकार पर त्योहार के आयोजन में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया था, उनका सिर शर्म से झुक गया है। दरअसल, विधानसभा चुनावों के दौरान, भगवा पार्टी ने आरोप लगाया था कि टीएमसी "तुष्टिकरण की राजनीति" करती है और दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों को इसकी वजह से नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं टीएमसी और बीजेपी में इस उपलब्धि का श्रेय लेने के लिए भी होड़ मची है।
ममता ने कहा, "कुछ लोगों ने हमारे खिलाफ झूठ फैलाया था। उन्होंने कहा कि हम राज्य में दुर्गा पूजा समारोह की अनुमति नहीं देते हैं। आज, उनका झूठ सामने आया है। उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए। आज, हमने जो हासिल किया है उसके लिए मुझे गर्व और सम्मानित महसूस हो रहा है।"
उन्होंने बाघा जतिन इलाके में कोलकाता नगर निगम (केएमसी) की चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, "मैंने कल जो हासिल किया, मैं उससे खुश हूं। मैं लंबे समय से इसके लिए प्रयास कर रही हूं।" यूनेस्को ने बुधवार को घोषणा की कि कोलकाता में दुर्गा पूजा को 'मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' की सूची में शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा, "मैंने बंगाल को नंबर एक राज्य बनाने की कसम खाई थी, और मैंने अपना वादा निभाया है। उन्होंने (भाजपा) मुझे गाली दी थी, लेकिन वे यूनेस्को को गाली नहीं दे सकते। उन्हें यूनेस्को जाने दें और हमें यह सम्मान देने के लिए उन्हें गाली दें यदि उनमें ऐसा करने की हिम्मत है तो। अगले साल की दुर्गा पूजा में, हम इस उपलब्धि का जश्न मनाएंगे। हम इस सम्मान के लिए यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र को धन्यवाद देते हैं।"
बनर्जी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि टीएमसी ने वास्तव में दुर्गा पूजा विसर्जन को रोकने की कोशिश की थी।
घोष ने कहा, "हम यह नहीं भूले हैं कि कैसे टीएमसी सरकार ने दो बार दशमी पर दुर्गा पूजा विसर्जन को रोकने की कोशिश की क्योंकि मुहर्रम की तारीखें इससे टकरा गईं। यह एक सच्चाई है।"
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि केंद्र सरकार की पहल के कारण ही यह सम्मान हासिल हुआ है।