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मौर्ययुगीन सभ्यता की खोज सुंदरवन में

मौर्ययुगीन सभ्यता की खोज सुंदरवन में

यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज साइट और गंगा डेल्टा क्षेत्र सुंदरवन में मौर्य युगीन सभ्यता के अवशेष मिल रहे हैं। लगभग 10 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला दुनिया के सबसे बड़े मैन्ग्रोव का जंगल क्षेत्र में जो पुरातात्विक अवशेष मिले हैं, उनसे पता चलता है कि मगध का मौर्य शासन इस इलाके तक फैला हुआ था। ईसा पूर्व 322-195 के इन अवशेषों के आधार पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि अगले 600 वर्षों तक यहां सभ्यता आबाद थी। मौर्य युग के बाद शुंग और गुप्त काल तक यहां सभ्यता आबाद रही।
सांस्कृतिक धरोहर कुमाऊनी रामलीला

सांस्कृतिक धरोहर कुमाऊनी रामलीला

गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना अवधी भाषा में की थी। परंतु उसके लगभग दो सौ साल बाद कुमाऊं में अल्मोड़ा के पंडित देवीदत्त जोशी ने ब्रजभाषा में श्री रामलीला नाटक लिख कर एक अनूठा प्रयोग किया। पूरी तरह गेयशैली में लिखे गए इस नाटक में उन्होंने अनेक स्वरचित गीत डाले।
काठमांडूः बचाई जा सकती थी हजारों जानें

काठमांडूः बचाई जा सकती थी हजारों जानें

बेतरतीब निर्माण ने बढ़ाया विनाश का दायरा, सही नियोजन से 90 फीसदी नुकसान रोका जा सकता था, जापान से कुछ भी नहीं सीखा, आने वाले दिनों में बड़े भकंपों की आशंका, धरती की चट्टानों में बढ़ रही ऊर्जा की हलचल
गंगा घोषित हो विश्व विरासत: पर्यावरणविद

गंगा घोषित हो विश्व विरासत: पर्यावरणविद

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ गंगा अभियान को आगे बढ़ाते हुए पर्यावरणविदों का एक समूह इस पवित्र नदी के उपरी हिस्से को विश्व विरासत घोषित करने के लिए यूनेस्को को राजी करने का प्रयास करेगा।
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