प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात की वैश्विक गौरव सिद्धि में एक और मोरपंख जुड़ा है।
कच्छ-भुज स्थित स्मृतिवन म्यूजियम को उसके इंटीरियर्स के लिए यूनेस्को का प्रतिष्ठित प्रिक्स वर्सेल्स 2024 वर्ल्ड टाइटल प्रदान किया गया है।
पेरिस में यूनेस्को मुख्यालय में आयोजित समारोह में गुजरात को प्राप्त हुआ यह अवॉर्ड राज्य सरकार की ओर से राज्य मंत्री श्री जगदीश विश्वकर्मा ने गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जीएसडीएमए) के सीईओ श्री अनुपम आनंद के साथ स्वीकार किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने इस गौरव सिद्धि के लिए स्मृतिवन की समग्र टीम को अभिनंदन दिया है।
उल्लेखनीय है कि यूनेस्को में प्रतिवर्ष घोषित किए जाने वाले आर्किटेक्चर तथा डिजाइन क्षेत्र के प्रतिष्ठित प्रिक्स वर्सेल्स अवॉर्ड के अंतर्गत कच्छ जिला मुख्यालय भुज में स्थित इस स्मृतिवन भूकंप मेमोरियल म्यूजिम को वर्ष 2024 के आरंभ में विश्व के 7 सबसे सुंदर संग्रहालयों की सूची में स्थान प्राप्त हुआ था।
स्मृतिवन म्यूजियम ने अब वैश्विक मंच पर सांस्कृतिक सीमाचिह्न के रूप में अपना स्थान अधिक मजबूत करते हुए प्रिक्स वर्सेल्स 2024 वर्ल्ड टाइटल प्राप्त कर यह फाइनल अवॉर्ड-सम्मान प्राप्त किया है।
यह प्रिक्स वर्सेल्स वैश्विक आर्किटेक्चर व डिजाइन अवॉर्ड है तथा विभिन्न श्रेणियों में असाधारण उपलब्धियों के लिए प्रदान किया जाता है। इन श्रेणियों में म्यूजियम, एयरपोर्ट, कैम्पस, पैसेंजर स्टेशन, खेल-कूद सुविधाओं, एम्पोरियम, होटल तथा रेस्टोरेट शामिल हैं।
गुजरात में 26 जनवरी, 2001 को विनाशकारी भूकंप ने कच्छ को झकझोर दिया था। उस भूकंप में प्राण गँवाने वाले नागरिकों की स्मृति में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से भुज में स्मृतिवन भूकंप स्मारक संग्रहालय का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री ने गत 28 अगस्त, 2022 को इसका लोकार्पण किया था।
स्मृतिवन का आर्किटेक्चर ऐतिहासिक भुजियो डूंगर (भुजिया पहाड़) के साथ सुगम समन्वय साधता है। इसमें आगंतुकों को आपदा के समक्ष तैयारी तथा क्षमता के विषय में शिक्षित करने के लिए बनाई गई इमर्सिव गैलरियाँ रखी गई हैं। म्यूजियम की अनन्य डिजाइन एवं उसका उद्देश्य अब अतरराष्ट्रीय मंच पर स्वीकृत हुए हैं। यह गुजरात तथा भारत; दोनों का वैश्विक स्तर पर सम्मान है।
जीएसडीएमए द्वारा कच्छ जिला कलेक्टर कार्यालय की प्रशासनिक सहायता से विकसित किया गया स्मृतिवन कुशलता एवं विजन के संयुक्त प्रयास को प्रतिबिंबित करता है।
स्मृतिवन चुनौतियों के विरुद्ध कच्छ के साहस की यशोगाथा है, आपदा के विरुद्ध अडिग रहने के स्वाभिमान की अमर कहानी है, राख से पुनः उठ खड़े होने की कीर्ति कथा है तथा शून्य से सृजन का चित्र प्रस्तुत करने वाला एक जीवंत दस्तावेज है।
प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप निर्मित स्मृतिवन भुज के भुजियो डूंगर पर 470 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ विश्व के सबसे विशाल मियावाकी वन में 3 लाख पेड़ हैं। इसके अलावा: यहाँ निर्मित 50 तटबंधों की दीवारों पर भूकंप में प्राण गँवाने वालों को श्रद्धांजलि के रूप में कुल 12,932 पीड़ित नागरिकों के नामों की तकती लगाई गई है।
इसके अलावा; यहाँ सन प्वॉइंट, 8 किलोमीटर लंबा ओवरऑल पाथवे, 1.2 किलोमीटर का आंतरिक रोड, 1 मेगावॉट क्षमता का सोलर पावर प्लांट, 3 हजार विजिटर्स के लिए पार्किंग, 300 से अधिक वर्ष पुराने किले का नवीनीकरण, 3 लाख पेड़ों की बुवाई, समग्र क्षेत्र में इलेक्ट्रिक लाइटिंग तथा 11,500 वर्ग मीटर में भूकंप को समर्पित म्यूजियम शामिल है।
वर्ष 2001 में आए भूकंप की अनुभूति कराने के लिए एक विशेष थियेटर का भी निर्माण किया गया है, जहाँ कंपन, ध्वनि एवं प्रकाश के संयोजन से भूकंप की एक विशेष स्थिति का अनुभव कराया जाता है। यहाँ 360 डिग्री पर प्रोजेक्शन की सहायता से 2001 में आए भूकंप की अनुभूति की जा सकती है।
कच्छ आने वाले पर्यटकों के लिए यह स्मृतिवन म्यूजियम दर्शनीय स्थल के रूप में आकर्षण बना है।