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महाराष्ट्र की नवगठित विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र शुरू; विपक्ष ने किया बहिष्कार

महाराष्ट्र की नवगठित 288 सदस्यीय विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र शनिवार को यहां शुरू हो गया, जहां...
महाराष्ट्र की नवगठित विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र शुरू; विपक्ष ने किया बहिष्कार

महाराष्ट्र की नवगठित 288 सदस्यीय विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र शनिवार को यहां शुरू हो गया, जहां विधायकों को पद की शपथ दिलाई जाएगी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक कालिदास कोलंबकर ने शुक्रवार को विधायक के रूप में शपथ ली और उसके बाद राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने उन्हें विधानसभा का ‘प्रोटेम स्पीकर’ (अस्थायी अध्यक्ष) नियुक्त किया.

नौ बार के विधायक कोलंबकर सदन में सबसे वरिष्ठ विधायक हैं और मुंबई में वडाला विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. ‘प्रोटेम स्पीकर’ के रूप में वह शेष 287 नवनिर्वाचित विधायकों को पद की शपथ दिलाएंगे. विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव नौ दिसंबर को होगा, जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार विश्वास मत हासिल करेगी और राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राज्यपाल का अभिभाषण होगा।

बहरहाल, भाजपा विधायक चैनसुख संचेती द्वारा गोपनीयता की शपथ लेने वाले पहले विधायकों में शामिल होने के बाद विपक्षी दलों ने पहले दिन की कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला किया। कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के विधायकों ने कथित इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में हेराफेरी के विरोध में पहले दिन शपथ लेने से परहेज किया।

विधानसभा के लिए 20 नवंबर को हुए चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए गए जिसमें भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) वाले गठबंधन महायुति ने 288 में से 230 सीट जीतकर शानदार जीत हासिल की. नयी सरकार ने पांच दिसंबर को शपथ ली. देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री, जबकि एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

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