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बंगाल निकाय चुनाव में टीएमसी की भारी जीत, भाजपा ने चुनावी प्रक्रिया को बताया 'लोकतंत्र का मजाक'

पश्चिम बंगाल निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भारी जीत की ओर कदम बढ़ाते हुए 107 नगर...
बंगाल निकाय चुनाव में टीएमसी की भारी जीत, भाजपा ने चुनावी प्रक्रिया को बताया 'लोकतंत्र का मजाक'

पश्चिम बंगाल निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भारी जीत की ओर कदम बढ़ाते हुए 107 नगर पालिकाओं में से 13 में जीत हासिल कर ली है और अन्य 40 निकायों में आगे चल रही है। एसईसी के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

राज्य में सत्तारूढ़ दल ने विपक्ष के नेता और नंदीग्राम के भाजपा विधायक शुभेन्दु अधिकारी के गढ़ कांठी नगर पालिका में जीत हासिल की, जबकि पहाड़ी राजनीति में प्रवेश करने वाला नया दल 'हमरो पार्टी' ने दार्जिलिंग नगर पालिका में टीएमसी, जीजेएम और भाजपा को हरा कर जीत हासिल की।

राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) के एक अधिकारी ने कहा, "टीएमसी पहले ही 13 नगर पालिकाओं में जीत हासिल कर चुकी है और 40 अन्य में आगे चल रही है।" पार्टी ने बीरभूम जिले में सभी निकाय, और कूचबिहार में पांच, दक्षिण 24 परगना में दो और पुरबा मेदिनीपुर में एक जगह जीत हासिल की है।

भाजपा नेता शुभेन्दु अधिकारी और उनके परिवार को बड़े झटके का सामना करना पड़ा क्योंकि टीएमसी ने पिछले चार दशकों से अधिकारी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली कांथी नगर पालिका को छीन लिया है।

एलओपी के पिता शिशिर अधिकारी 1981-86 के पांच साल को छोड़कर 1971-2009 तक 25 साल तक नगर पालिका के अध्यक्ष रहे। सांसद बनने के बाद उन्होंने अपने छोटे बेटे दिब्येंदु अधिकारी को कमान सौंपी। 2016 में उपचुनाव में दिब्येंदु अधिकारी के सांसद बनने के बाद, उनके छोटे भाई सौमेंदु ने पद संभाला।

गौरतलब है कि पिछले साल विधानसभा चुनावों के बाद से राज्य में सबसे व्यापक इलेक्टोरल एक्सरसाइज में से एक में उत्तर से दक्षिण तक पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में व्यापक हिंसा, धांधली और पुलिस के साथ झड़पें हुईं।

बता दें भाजपा ने चुनाव प्रक्रिया को "लोकतंत्र का मजाक" करार दिया है और हिंसा के विरोध में सोमवार को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया। टीएमसी ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि विपक्षी दल हार को भांपते हुए बहाने तलाश रहे हैं। 

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